वाराणसी में मंदिरों को खोलने की तैयारी | Banaras Bulletin

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स्टोरी- 1

वाराणसी में मंदिरों को खोलने की तैयारी
अब इंतजार जिला प्रशासन की इजाजत का
काशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियां पूरी

वीओ- 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। अब इंतजार राज्य सरकार के आदेश का है। इस बीच धर्म नगरी वाराणसी में तैयारियां तेज हो गई है। शहर के सबसे बड़े मंदिर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को खोलने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। मंदिर परिसर में केंद्र सरकार की ओर जारी गाइडलाइन के हिसाब से तैयारी की जा रही है। श्रद्धालुओं को दो गज दूरी बनाने के लिए मंदिर परिसर में गोला बनाया गया है। पूरे मंदिर को सेनेटाइज कराया जा रहा है। इसके साथ ही अब श्रद्धालुओ को बाबा विश्वनाथ का झांकी दर्शन करना होगा। दर्शन के समय श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। तो वही बाबा विश्वनाथ की पूरे दिन में 5 समय होने वाली आरती में अर्चकों की संख्या में भी कमी की गई है। केवल 3 अर्चक ही बाबा विश्वनाथ की आरती करेगे। हर आरती के पहले पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज करने की व्यवस्था करायी जाएगी। दूसरी ओर बाबा कालभैरव मंदिर को भी खोलने की तैयारी की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक बार में सिर्फ 20 श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा। मंदिर को सुबह और शाम दो बार अच्छी तरह से सेनीटाइज़ किया जाएगा। इसके अलावा संकटमोचन मंदिर, दुर्गा मंदिर और अन्य मंदिरों में मंदिर प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मंदिर खोलने की रूपरेखा बनाने में लगा हुआ है।

बाइट- विशाल सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी

स्टोरी- 2

विश्व पर्यावरण दिसव पर लोगों ने लिया संकल्प
दस लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प
स्वस्थ्य काशी-मस्त काशी अभियान की शुरुआत

वीओ- विश्व पर्यावरण दिवस के मौकेपर पर प्रबोधिनी फाउण्डेशन ने दस लाख औषधी आधारित पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इस अभियान के तहत पाँच लाख गिलोय, एक लाख नीम, एक लाख पारिजात, एक लाख आंवला, एक लाख सैजन एवं एक लाख तुलसी के पौधे वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। लोगों के बीच नि:शुल्क पौधों का वितरण किया जाएगा। इस मौके पर संस्था की ओर से सिगरा स्थित भारत माता मन्दिर के परिसर में 11 गिलोय के पौधे लगाए गए। प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय ने बताया कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिये हमें औषधि आधारित पौधों एवं वृक्षों को संरक्षण के संकल्प के साथ लगाना होगा।

बाइट- विनय शंकर राय मुन्ना, संयोजक, प्रबोधिनी एकादश फाउंडेशन

स्टोरी- 3

काशी में दिया गया हरियाली संदेश
नमामि गंगे से जुड़े सदस्यों ने घाटों पर चलाया अभियान
घाटों पर बांटा गया तुलसी पौधा

वीओ- विश्व पर्यावरण दिवस पर हरियाली का संदेश दिया गया। गंगा स्वच्छता अभियान से जुड़े नमामि गंगे के सदस्यों ने आम लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया। संस्था से जुड़े लोगों ने पंचगंगा घाट लोगों के बीच तुलसी का पौधा बांटा। सदस्यों का कहना था कि प्रकृति के प्रति आस्था और व जुड़ाव को जगाना उनका असल मकसद है। इसके पहले सदस्यों ने मां गंगा आरती उतारी । गंगा के संरक्षण के लिए गंगा किनारे के क्षेत्रों में अधिकाधिक पौधारोपण करने की अपील की गई। संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि हर मन में पौधे लगाने और उसके संरक्षण का संकल्प उत्पन्न कर हम आने वाले कल को संवार सकते हैं । विश्व स्तर पर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु सामाजिक जागृति लाना विश्व पर्यावरण दिवस का प्रमुख उद्देश्य है।

बाइट-राजेश शुक्ला, गंगा सेवक, संयोजक नमामि गंगे

स्टोरी- 4

यूपी एसआईडीसी में अब तक सिर्फ 40 कंपनियां ही शुरु
प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलने की उम्मीद
फूलपुर के करखियाव गांव में यूपी एसआईडीसी

वीओ- उत्तर प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन ये कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। इसी क्रम में वाराणसी में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर नौजवानों को रोजगार देने की कोशिश की गई। फूलपुर स्थित करखियाव गांव में यूपी एसआईडीसी में कई नामी गिरानी कंपनियों ने जमीन आवंटित कराया। लेकिन अभी तक सिर्फ चालीस कंपनियों ने ही अपना काम शुरु किया है। जबकि बहुतेरी कंपनियां शुरु ही नहीं हो पाई हैं। इस बीच दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजूदरों को उम्मीद है कि कंपनियों के शुरु होने से उन्हें रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
बाइट- स्थानीय निवासी
बाइट- स्थानीय निवासी

स्टोरी- 5

लॉकडाउन में बदली-बदली बनारस की फिजा
एयर क़्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार
गंगा नदी के पानी में भी दिखने लगी स्वच्छता

वीओ- लॉकडाउन एक तरह दुश्वारियां लेकर आया तो दूसरी ओर पर्यावरण को इससे बड़ा फायदा भी हुआ है। लॉकडाउन का ही असर है कि जिस शहर में लोगो को खुले में सांस लेना दुर्भर था अब वहाँ की आबो हवा शुद्ध हो गयी है। हम बात कर रहे है पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की। आम दिनों में वाराणसी के फिजाओं में सांस लेना भी मुश्किल था, आज उसी शहर की हवाएं बेहद शुद्ध हो गयी है। ये चमत्कार सरकारी प्रयासों से नही बल्कि लॉकडाउन के कारण हुआ है। वाराणसी में आम दिनों एयर क़्वालिटी इंडेक्स 400 से 500 के बीच हुआ करती थी लेकिन अब लॉकडाउन के कारण ये 150 तक आ पहुँची है। मई के महीने में चार ऐसे दिन है जब एयर क़्वालिटी इंडेक्स 100 से भी नीचे रहा है । ऐसा केंद्रीय प्रदूषन नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बता रहे है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वाराणसी के एयर क़्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार हुआ है। मार्च महीनें से लगातार हवाओं में जो प्रदूषण के कण थे उसमें कमी आयी है। कालिका सिंह न आगे बताया कि लॉक डाउन में सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में कमी और शहर में चल रहे विकास कार्यो निर्माण का पूरा हो जाना भी इसकी एक वजह है ।

बाइट – कालिका सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

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