सुप्रीम कोर्ट ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को ‘ऑफलाइन’ कराने की याचिका को ख़ारिज कर दिया है। दरअसल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की ‘ऑफलाइन’ परीक्षा रद्द किए जाने की मांग वाली याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। ऑफलाइन एग्जाम के खिलाफ दायर की गई याचिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर की अगुवाई वाली खण्डपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी याचिकाएं छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं और कंफ्यूजन पैदा करती हैं।
कोर्ट ने ख़ारिज किया ‘ऑनलाइन’ आयोजित कराने की याचिका:
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि ‘ये प्री मेच्योर याचिका है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को सिर्फ झूठी उम्मीद देती हैं। याचिका पर सनुवाई करते हुए कहा कि आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि छात्रों और अभिभावकों को और ज्यादा कन्फ्यूज करना। कोर्ट ने आगे कहा कि ‘आपको जो भी कहना है ऑथोरिटी को जाकर बताएं। ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग ना करें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 10वीं और 12वीं की परीक्षा को ‘ऑनलाइन’ ही आयोजित कराने के लिए याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पिछले साल की तरह इस साल भी ऑनलाइन परीक्षा कराने का आदेश दिया जाए।
26 अप्रैल से शुरू होंगी बोर्ड की परीक्षाएं:
वही कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षा 2022 की तारीखें जारी कर दी हैं। बता दें कि सीबीएसई को 26 अप्रैल से टर्म 2 की परीक्षाएं शुरू करने के लिए अधिसूचित किया गया है। सीआईएससीई ने भी अप्रैल से बोर्ड परीक्षा शुरू करने के लिए कहा है। वही कुछ राज्यों में तो बोर्ड परीक्षाएं शुरू भी हो चुकी हैं। जबकि बाकि के राज्य भी बोर्ड की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल से शुरू करने के लिए तैयार हैं।
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