Varanasi: नहीं दिखी परछाई तो मौत तय, जानें इस कूप का यमराज से सीधा संबंध

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महादेव की नगरी काशी कई अदभुत रहस्यों से भरी है. यहां लाखों–करोड़ों मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी एक अद्भुत कहानी और महत्ता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस नगरी में सभी देवी देवताओं का वास है और कहा जाता है कि काशी में किसी को कहीं और तीर्थ करने की जरूरत नहीं है. काशी अपने आप में ही धर्म का सागर है. ऐसे ही कई रहस्यों से भरा काशी का एक कुआं है. धर्मकूप जो कि काशी में मीर घाट पर स्थित है.

मान्यता है कि ये कुआं बता देता है कि आपकी मृत्यु कब होने वाली है और इस कुएं का निर्माण स्वयं भगवान शंकर ने गंगा नदी के आगमन के पहले किया था. बता दें स्वयं यमराज ने भगवान शंकर को यहीं पर अपनी तपस्या से प्रसन्न किया था और इस कूप की मान्यता यह भी है कि इस कुएं के जल में लोगों की परछाई कैद होती है और जिसकी परछाई न दिखे उसकी मौत छह महीने में निश्चित है. इस कुएं की सच्चाई जानने के बाद लोग इस कुएं में खुद की परछाई देखने से बचते हैं.

क्या है धर्मकूप का इतिहास

बाबा की नगरी काशी में स्थित इस कूप का सीधा तालुक स्वयं यमराज से है. कहा जाता है कि यमराज ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी कुएं के पास तपस्या की थी. यह भी मान्यलता है कि इस कुएं के जल में लोगों की परछाई कैद होती है और अगर जल में आपकी परछाई न दिखे तो छह महीने के अंदर आपकी मृत्यु तय है. इसी कारण से लोग इस कूप अपनी परछाई देखने से बचते हैं.

धर्मकूप का निर्माण कब और कैसे हुआ ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कूप का निर्माण स्वयं भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल से किया था और इस कूप का उल्लेख काशी खंड में भी किया गया है. इस कूप का निर्माण गंगा नदी के आगमन से पहले का है, वहीं कुछ हिस्सों में ये भी कहा जाता है कि देवताओं के राजा इंद्र ने इस कूप ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति के लिए इस कूप का निर्माण किया था और चमत्कार की बात ये है इस हजारों साल पुराने कूप में आज भी जल मौजूद है, हालांकि लोग अब इस कूप के जल को निकाल नहीं पाते.

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क्या है धर्मकूप की मान्यता

काशी के धर्मकूप को चमत्कारी कूप भी कहा जाता है. साथ ही कहा यह भी जाता है कि इस कूप के जल के स्नान से पुष्कर और मानसरोवर जैसे तीर्थ का फल मिलता है. वहां पर मौजूद महंत का कहना है कि इस कूप का निर्माण भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल से किया था और इसका आगमन काशी में गंगा के आगमन से पहले का है.

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कैस पहुंचे धर्मकूप

काशी के विशेश्वर खंड के मीर घाट इलाके में बाबा विश्वनाथ और विशालाक्षी मंदिर के पास ये कूप स्थापित है. इस कूप के चारो तरफ इतिहासिक और पौराणिक मंदिर है जिनका जिक्र धार्मिक पुस्तक काशी खंडूप में है.

 

 written by- tanisha srivastava

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