Trouble : ठिठुरे काशीवासी, लगातार दूसरे दिन बारिश ने बढ़ाई परेशानी
Varanasi में कड़ाके की ठंड के बीच शहर में लगातार दूसरे दिन गुरूवार को बारिश ने काशीवासियों की परेशानी और बढ़ा दी है. लोग जरूरी काम के अलावा घरों से बाहर नही निकल रहे हैं. इसके साथ ही अस्पतालों में ठंड से पीड़ित मरीजों की संख्या बढने के साथ दुकानों में चाय की खपत बढ़ गई है.़एक ओर यह बारिश गेहूं की फसल के लिए रामबाण बताई जा रही है तो वहीं बीमारों और गरीबों के लिए यह मुसीबत का सबब बन गई है। ठिठुरन ऐसी कि लोग घरों या आफिस में दुबके रहने में ही भलाई समझ रहे हैं. जबकि दूर दराज से आये सैलानी और काशी के युवा घाटों, होटलों, रेस्टोरेंटों में स्वादिस्ट व्यंजनों का मजा ले रहे हैं.
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बीमार बढ़े, बच्चे और बूढ़े ज्यादा परेशान
बुधवार के बाद गुरुवार की सुबह एक बार फिर बारिश हुई और बारिश से बचने के लिए लोग भागते नजर आए. सड़कों पर सन्नाटा पसर गया. हालांकि ठंड बढ़ने के साथ ही करीब एक पखवारे से कोल्ड डायरिया समेत ठंड लगने से सम्बंधित बीमारियों से लोग पीड़ित हैं. लेकिन पिछले दो दिनों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के अलावा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस तरह के मरीजों की संख्या ज्यादा देखी जा रही है. इनमें बूढ़े और बच्चे ज्यादा परेशान हैं. ठंड का आलम यह है कि अक्सर जाम रहनेवाले शहर के मार्गों पर यातायात पहले की अपेक्षा कुछ आसान हो गया है. ठंड और कोहरे के बीच एक तरफ परेशान लोग हैं तो दूसरी ओर इसका लुत्फ उठानेवालों की भी कमी नही है.
सैलानी ले रहे काशी के पर्यटन और स्वाद का आनंद
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदले मौसम के मिजाज को लेकर मौसम विभाग का कहना है कि अभी पांच जनवरी तक हालात ऐसे ही रहेंगे. हालांकि किसान पहले से जानते हैं कि दलहनी फसलों जैसे गेंहू, सरसो आदि को सिंचाई की जरूरत थी जो इस बारिश से पूरी कर दी. यह बारिश गेहूं के लिए रामबाण है तो वहीं गेहूं आदि फसलों के नुकसान की किसान आशंका जता रहे हैं. किसानों का मानना है कि यदि बारिश और तेज हुई तो फसलों को ज्यादा नुकसान हो सकता है. दूसरी ओर झुग्गी, झोपड़ी में रहनेवाले गरीबों और रोजमर्रा की कमाई करनेवालों के लिए बारिश किसी मुसीबत से कम नही हैं. घर-घर ठंड से बीमार लोग मिल रहे हैं। कोई सरकारी या निजी अस्पताल जा रहा है तो अधिकतर लोग अपने आसपास की क्लीनिकों में इलाज करा रहे हैं। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों और उससे बचने के लिए लोग घरेलू उपायों का सहारा ले रहे हैं. इतनी ज्यादा ठंड के बावजूद शहर के कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नही दिखाई दी।
मुसीबत