जानें क्यों, ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों का ये प्रस्ताव ठुकरा दिया?

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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(TRAI) ने सभी दूरसंचार कंपनियों के उस प्रस्ताव को शुक्रवार को ठुकरा दिया, जिसमें वॉयस और डेटा सेवाओं के लिए फ्लोर प्राइस तय करने का प्रस्ताव दिया गया था और कहा कि यह प्रस्ताव ‘व्यावहारिक’ नहीं है।

ट्राई के अध्यक्ष आर. एस. शर्मा ने यहां बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “हमने दो घंटे तक विस्तृत चर्चा की (उद्योग के हितधारकों के साथ), जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि फ्लोर प्राइस तय करना व्यावहारिक विचार नहीं है। कीमतें उसी प्रकार से जारी रहेंगी जैसी फिलहाल है।”

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वहां इस पर आम सहमति थी कि फ्लोर प्राइस की कोई जरूरत नहीं है।

दूरसंचार उद्योग के हितधारकों ने ट्राई से फ्लोर प्राइसिंग तय करने की 15 जून को सिफारिश की थी, ताकि कोई भी ऑपरेटर एक निश्चित कीमत से कम में डेटा या वॉयस सेवाओं की पेशकश नहीं कर सके।

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आइए आपकों बताते हैं कि ट्राई(भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के बारें में….

एक सरकारी संस्था की तरह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण है जो देश में दूरसंचार के क्षेत्र में काम कर रही कम्पनियों के लिए उनके रेगुलेशन और देख रेख का काम करती है और समस्त कम्पनियों को ट्राई जो कि इसका संक्षिप्त नाम है के द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली गाइड लाइन के अनुसार काम करना होता है, जिससे ग्राहक को अच्छी सेवाएं प्रदान की जाती रहें।

यदि किसी ग्राहक को लगता है कि कोई दूरसंचार कम्पनी उसके साथ किसी तरह की मनमानी कर रही है तो वो इसकी शिकायत भी कर सकता है और कोई भी कम्पनी अगर ट्राई के मानको को अनदेखा करती है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है या उसे ट्राई की और से भारी जुर्माने का सामना करना पड़ता है इसलिए कंपनियां हमेशा इस बात का ध्यान रखती है कि किसी भी मानक की अनदेखी न हो और दूरसंचार तकनीक हमेशा ग्राहक के लिए जितनी हो सके सुगम और उपयोगी शामिल हो।

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