इनसे मिलिए ये हैं महिला मोटर साइकिल मेकेनिक
महिलाएं किसी मामले में किसी से भी पीछे नही है। चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो। आपने अभी तक पुरूष बाइक मैकेनिक के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको महिला बाइक मेकैनिक के बारे में बताते है।
रॉकेट बना रही हैं, लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं..
देश की लड़कियां सैटेलाइट बना रही हैं, रॉकेट बना रही हैं, लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं.. तो बाइक क्या चीज है? लेकिन देश के कुछ हिस्सों में, खासकर ग्रामीण इलाकों में कुछ लोग अब भी बाइक को लड़कों का ही खिलौना मानते हैं। यही कारण है कि कोई लड़की बाइक मैकेनिक का काम करती हुई नजर नहीं आती है।
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले की वर्षीय सतरूपा आनंद ने इस धारणा को तोड़ने का काम किया है।
वह काम जो अब तक पुरुष करते आए हैं, उसे जीविका का साधन बनाने का जो हौसला सतरूपा ने दिखाया है, वह प्रेरक है।
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सतरूपा दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में स्वावलंबन की अलख जगा रही है। उनका भागीरथ प्रयास जारी है। इस काम में दक्षिण एशिया की संस्था ऐड एट एक्शन ने भी मदद करने का निर्णय लिया है। अनुसूचित जाति बहुल छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली सतरूपा ने बारहवीं तक की पढ़ाई की है।
आनंद टू व्हीलर मैकेनिक बन जीवन की गाड़ी चलाना सिखा रहीं
घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि आगे की पढ़ाई कर पाती।छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में अपने टूव्हीलर रिपेयरिंग सेंटर में सतरूपा आनंद ’ नईदुनियासाल की सतरूपा आनंद टू व्हीलर मैकेनिक बन जीवन की गाड़ी चलाना सिखा रहीं।
हाथ लगाते ही जान जाती है मर्ज
सतरूपा मुंगेली के मंगला चौक पर टू व्हीलर रिपेयरिंग सेंटर चला रही है। उसके हाथों में मानो जादू है। मोटरसाइकिल को स्टॉर्ट करने के बाद इंजन की आवाज सुनकर मर्ज बता देती है। सतरूपा कमजोर आय वर्ग की लड़कियों को अपने सेंटर में नि:शुल्क ट्रेनिंग भी दे रही है। ट्रेनिंग देने के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई में भी मदद कर रही है। साभार दैनिक जागरण
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