अमृतसर ट्रेन हादसा : दोस्तों के साथ गया था दशहरा मेला…अब मिला कटा सिर

0

दशहरे के दिन अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों के ट्रेन की चपेट में आने की घटना को याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं। मृतकों के परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं। इस वीभत्स हादसे में मारे गए 11वीं क्लास के स्टूडेंट मनीष के पिता विजय कुमार के दर्द को कोई कम नहीं कर सकता।

हादसे की जगह पर मनीष नहीं मिल सका

वह अपने बेटे के कटे हुए सिर की तस्वीरें लिए घूम रहे हैं और लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या उन्होंने कहीं उसका धड़ देखा है। बेटे की दर्दनाक मौत को याद कर वह रोते हुए कहते हैं कि मनीष दोस्तों के साथ दशहरा देखने का गया था। लेकिन, उन्हें हादसे की जगह पर मनीष नहीं मिल सका।

Also Read :   लाल किले की प्रचीर से एक बार फिर पीएम मोदी ने लहराया तिरंगा

रुंधे गले से मनीष को याद करते हुए विजय कुमार ने कहा, ‘आज मुझे वॉट्सऐप पर किसी ने कटे हुए सिर की तस्वीर भेजी। मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि यह तो मेरा मनीष है। मैं तुरंत दौड़कर अस्पताल गया और उसकी बॉडी की तलाश शुरू कर दी।’

जिम्मेदार ठहराते हुए फफक-फफककर रोने लगते हैं

उनके अलावा ऐसे बहुत लोग हैं, जिन्होंने इस दर्दनाक हादसे में अपने लोगों को गंवा दिया। कीमती लाल अपने नातिन नूर के साथ दशहरा मनाना चाहते थे, जो सिर्फ 18 महीने की है। इसके लिए उन्होंने लुधियाना से अपनी बेटी अनु को घर बुलाया था। लेकिन अब उनकी मौत के लिए नूर के नाना और पिता खुद को जिम्मेदार ठहराते हुए फफक-फफककर रोने लगते हैं।

गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कीमती लाल को यह पता नहीं था कि कुछ दूरी पर ही डॉक्टर उनकी बेटी और नातिन की अटॉप्सी कर रहे हैं। कीमती लाल हादसे की दुखद घड़ी को याद करते हुए कहते हैं, ‘हम तीनों लोग ट्रैक पर थे। जब हमने ट्रेन को देखा तो जल्दी से भागे, लेकिन अचानक ही लोग हमारे ऊपर गिरने लगे और फिर मैं नहीं जानता कि क्या हुआ।’

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More