cyber अपराधियों को फर्जी खाते बेचनेवाले तीन शातिर जालसाज गिरफ्तार
एटीएम, चेकबुक, पासबुक आदि बरामद, फर्जी खाते खोलकर उसकी करते थे निगरानी
फर्जी पते पर बैंक खाता खोलने के बाद साइबर अपराधियों को खाते बेचकर करोड़ों रूपये कमानेवाले तीन शातिर अंतरराज्यीय जालसाजों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन तीनों के पास से पुलिस ने एटीएम, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल और 6हजार 380 रूपये बरामद किये हैं. पुलिस टीम ने इन्हें न्यू आगरा के राहुल विहार से गिरफ्तार किया है. तीनों जालसाजों के भी जालसाज हैं.
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साइबर क्राइम पुलिस ने बताया कि शिवपुर थाना क्षेत्र के क्राइस्ट नगर के सुनील कुमार ने पीएनबी मेटलाइफ सुपर सेवर नाम की पालिसी ली थी. जालसाज ने इसे हैक करने के बाद पीएनबी मेटलाइफ एजेंट बनकर फोन किया. पूछने पर उसने सुनील का पूरा विवरण बता दिया गया. इस पर सुनील कुमार को भरोसा हो गया कि वह एजेंट ही बोल रहा है. बातचीत में जालसाज बोनस का लाभ दिलाने समेत तमाम फायदे बताकर भिन्न-भिन्न नम्बरों से फोन करने लगा. इस दौरान उसने धोखाधड़ी कर 9 लाख 61 हजार 337 रूपये ले लिये. इसके बाद सुनील ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
हाथरस और आगरा के रहनेवाले हैं जालसाज
पकड़े गये साइबर जालसाजों में हाथरस जिले के सादाबाद थाना क्षेत्र के कोठी बड़ार गांव के सुनील कुमार चौधरी, आगरा जिले के बरहन थाना क्षेत्र के मुखवार गांव के रीतेंद्र कुमार सिंह और आगरा के खंदौली थाना क्षेत्र के शेरवां गांव के शिवम सिंह हैं. जालसाज सुनील चौधरी और उसके साथियों ने पूछताछ में बताया कि हमलोग अधिक पैसे कमाने के चक्कर में साइबर अपराधियों से मिलकर धोखाधड़ी करते हैं. आधार कार्ड के पते को कूटरचित दस्तावेज के आधार पर उसका पता बदलवा देते हैं. फिर फर्जी बैंक खाता खोलकर फर्जी पते पर लिये गये सिम को बैंक के खाते से कनेक्ट करा देते हैं. फिर इन फर्जी खातों को साइबर अपराधियों को 30 से 35 हजार में बेच देते थे. यह इतने शातिर हैं कि फर्जी खातों में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर का सिम अपने फोन में लगाकर उसे अपने पास रखते थे. इन्हे साइबर फ्राड से खातों में मिलनेवाले धन की तुरंत मोबाइल बैंकिंग एप से मिल जाती थी. इसके बाद खुद या अपने साइबर अपराधी दोस्तों के जरिए रूपये निकाल कर अपना हिस्सा ले लेते थे.