यूपी में बीवी सोकर देर से उठी तो शौहर ने दिया तलाक

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संसद में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर चर्चा होगी लेकिन देश में तीन तलाक के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उधर, उत्तर-प्रदेश के रामपुर जिले के अजीम नगर थाना क्षेत्र के सैदनगर में तीन तलाक पर तमाम सख्ती के बाद भी एक शौहर ने अपनी बीवी को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह देर से सोकर उठी। इतना ही नहीं वह उसे घर से निकालकर ताला लगाकर फरार हो गया।
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उधर, मामले की जानकारी होने पर एक्शन में आई पुलिस पीड़िता को लेकर उसके घर पहुंची और ताला तोड़कर उसे घर में घुसाया। मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के नगलिया आकिल गांव का है। गांव की गुलअफशा का निकाह छह माह पहले इसी गांव के कासिम से हुआ था। प्रेम प्रसंग के बाद हुई इस शादी में कुछ दिनों में ही खटास आने लगी। आरोप है कि आए दिन कासिम बिना वजह उसकी पिटाई करने लगा। सोमवार सुबह भी किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और कासिम ने बीवी की बुरी तरह से पिटाई कर दी। पड़ोसियों ने बीच-बचाव करके मामला शांत कराया।

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पिटाई के कारण गुलअफशा पूरी रात सो नहीं सकी और करवटें बदलती रही। मंगलवार सुबह उसकी आंख देर से खुली। इस पर शौहर का पारा फिर सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। तीन तलाक़ पीड़िता गुल अफशां के लव मैरेज करने के चलते उसे परिवार की नाराजगी भी मोल ली थी और अब जिसके प्रेम में उसने मां-बाप से मुंह मोड़ लिया था उसने भी ठुकरा दिया। अब वह घर की रही न घाट की।

आसान नहीं रही लड़ाई

एक बार में तीन तलाक के खिलाफ ये लड़ाई आसान नहीं रही है। इसके लिए लंबी लड़ाई चली और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अब सरकार इस पर क़ानून बना रही है।
– अगस्त 2017: सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया।
– सुप्रीम कोर्ट ने इस चलन को गैर इस्लामी और मनमाना कहा था।
– मुस्लिम महिलाओं की लंबी लड़ाई के बाद आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला।

AIMPLB को ‘बिल मंज़ूर नहीं’

– मुस्लिम पक्ष की राय क्यों नहीं ली गई?
– महिलाओं की परेशानी बढ़ानेवाला बिल
– शरीयत के ख़िलाफ़ तीन तलाक़ बिल
– शौहर जेल में होगा तो ख़र्च कौन देगा?
– जब तीन तलाक़ अवैध तो सज़ा क्यों?
– किसी तीसरे की शिकायत पर केस कैसे?
– जिसके साथ बच्चे का भला हो, उसके साथ रहे

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2011 की जनगणना के मुताबिक, ये बिल मुस्लिम महिलाओं की ज़िंदगी पर बड़ा असर डालेगा।
– देश में 8.4 करोड़ मुस्लिम महिलाएं हैं
– हर एक तलाकशुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाक़शुदा औरतें हैं।
– 13.5 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है
– 49 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों की शादी 14 से 29 की उम्र में होती है
– 2001-2011: मुस्लिम औरतों को तलाक़ देने के मामले 40 फीसदी बढ़े

(साभार-गूगल समाचार)

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