केजीएमयू : ऑक्सीजन की कमी ने छीन ली 3 बच्चों की जिंदगी

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एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से तीन मासूम बच्चे काल के गाल में समा गए। ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी मासूम को सरकार की उदासीनता ने मारा हो। इससे पहले भी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में पिछले साल अगस्त महीने में करीब 68 बच्चों ने ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ दिया था। जिसको लेकर सरकार के कुछ मंत्रियों ने ये तक कह दिया था कि अगस्त के महीने में बच्चे मरते हैं।

ऑक्सीजन न मिलने से हुई 3 बच्चों की मौत

दरअसल, केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से चार बच्चों को बाल विभाग में शिफ्ट किया जा रहा था जिसमें एक सिलेंडर से ही चारों बच्चों को ऑक्सीजन दी जा रही थी। परिजनों का कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों से कई बार कहा कि एक एक करके बच्चों को शिफ्ट करें लेकिन अस्पताल प्रशासन के लापरवाह कर्मचारियों ने उनकी एक भी न सुनी जिसका नतीजा ये हुआ कि उन चार बच्चों में से 3 ने दम तोड़ दिया।

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से गई बच्चों की जान

योगी सरकार कितने भी दावे कर ले लेकिन स्वास्थ्य विभाग कितना लापरवाह है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक सिलेंडर से 4 बच्चों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है वो भी ऐसे समय में जब बच्चों की हालत दयनीय हो। अस्पताल के वॉर्ड ब्वॉय से परिजनों ने लाख मिन्नतें की लेकिन उनपर किसी बात का असर नहीं हुआ जिसका खामियाजा बच्चों ने अपनी जिंदगी देकर चुकाई।

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बीआरडी में भी 68 बच्चों ने ऑक्सीजन न मिलने से तोड़ दिया था दम

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल(2017) के अगस्त महीने में तकरीबन 68 बच्चों ने इसी ऑक्सीजन की कमी से मौत के मुंह में समा गए थे। इस मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए कई आलाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया और कार्रवाई के नाम जांच बिठा दी गई। उसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील को जेल भी जाना पड़ा था। इतना बड़ा हादसा होने के बाद योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद की गरिमा को भूलते हुए शर्मनाक बयान से सरकार के कामकाज पर बट्टा लगा दिया था।

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