स्मॉग का कहर, जा सकती हैं हजारों जानें

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दिल्ली समेत यूपी के कई इलाकों में स्मॉग का कहर जारी है, जल्द ही इसके उपाय नहीं किये गये तो हजारों को जान जा सकती है। लगातार बढ़ते स्मॉग ने लोगों के लिए सांस लेना दूभर कर दिया है। बीते दिनों स्मॉग के चलते वाहन टकराने की घटनाएं सामने आयीं। दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के बाद बुधवार को लखनऊ की वायु गुणवत्ता सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई।
दिल्ली एनसीआर की हवा के साइड इफेक्ट के तौर पर देख रहे हैं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची (एक्यूआई) के मुताबिक शहर की हवा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। लखनऊ  के लालबाग में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही। शहर के आसमान में पूरे दिन धुंध छाई रही। विशेषज्ञ इसे दिल्ली एनसीआर की हवा के साइड इफेक्ट के तौर पर देख रहे हैं।
वीडियों में देखें रात और दिन में स्मॉग

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उनके मुताबिक शहर का स्थानीय सिस्टम भी हवा की गुणवत्ता खराब करने के लिए जिम्मेदार है। यूपी में बुधवार को नोएडा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर दर्ज किया गया। वहां पर एक्यूआई 469, मुरादाबाद में यह 439 और लखनऊ में यह 430 दर्ज की गयी। इस सीजन में राजधानी लखनऊ की हवा का यह सबसे खराब स्तर है। दीपावली के अगले दिन भी एक्यूआई महज 255 दर्ज की गयी थी। वहीं, आगरा में एक्यूआई 394, गाजियाबाद में यह 372 और बनारस में 318 दर्ज की गयी। यह भी बहुत खराब की श्रेणी में है। हरियाणा और आसपास के इलाकों में पराली जलाए जाने से स्थिति ज्यादा बिगड़ी है।

स्मॉग से यातायात बाधित
इस धुंध का सबसे ज्यादा असर यातायात पर पड़ रहा है सड़कों पर धुंध के कारण पिछले दो दिनों में कई दुर्घटनाएं हुई हैं, वहीं हवाई उड़ान तथा रेलगाड़ियां देर से चल रही हैं। रेलवे विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से चलने वाली तथा यहां आने वाली 41 ट्रेन अपने तय समय से काफी देरी से चल रही हैं। 9 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है और 10 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। ट्रेनों के प्रभावित होने से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की खासी भीड़ लगी हुई हैं। बच्चे तथा महिलाएं परेशान घूमती हुई देखी जा सकती हैं।कुछ ऐसे ही हालात हवाई अड्डों पर भी देखने को मिले हैं। आसमान में छाई धुंध के कारण हवाई उड़ानें कई-कई घंटे देर से चल रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिये 18 आदेश फिर भी नतीजा सिफर
सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल में 18 से ज्यादा आदेश दिए। 15 जनवरी 2015 को कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब बच्चे अस्पताल में दिखेंगे। कोर्ट ने पॉल्यूशन को लेकर शर्मिंदगी जताई, पर पॉल्यूशन लेवल बढ़ता ही गया।2016 में 48 घंटे में साझा प्लान बनाने का कहा, लेकिन आज तक नहीं बने। 16 दिसंबर में एक पॉल्यूशन कोड को मंजूरी दी। कोर्ट ने केंद्र से पॉल्यूशन कोड नोटिफाइड करने को कहा है। अब केंद्र सरकार इस ग्रेड सिस्टम को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी।

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ये है हाईकोर्ट के आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2015 में ही राजधानी को गैस चैंबर बताते हुए, इससे बचने के उपाय तलाशने का कहा था। कई बार सिविक एजेंसियों को फटकारा। ट्रैफिक पुलिस को ढिलाई पर चेताया।  नवंबर 2016 में तो प्रदूषण को मौत की सजा के समान बता दिया था। कोर्ट ने मंगलवार को पराली (फसल काटने के बाद बचा कचरा) समेत दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइटों से उड़ रही डस्ट को पॉल्यूशन का असली विलेन बताया। आज तक हरियाणा, राजस्थान, पंजाब यूपी में पराली जलाने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
स्मॉग पर लगाम के लिए एनजीटी ने ये दिये आदेश
2015 में 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के चलाने पर रोक लगाई। 2016 में खुले में कचरा जलाने पर 25 हजार डेवलपिंग साइट पर धूल उड़ाने वालों पर पांच लाख तक का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। 2017 में नॉर्थवेस्ट दिल्ली स्थित इंडस्ट्रीज की जांच करने और उनमें एयर पॉल्यूशन फैलाने वाली इंडस्ट्रीज को बंद करने के आदेश। दिल्ली सरकार को फटकारते हुए कहा- क्या आपको अंदाजा भी है बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं।
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बढ़ेंगी कई बीमारियां
स्मॉग की निरंतर बढ़ती समस्या से कई सांस की बीमारियों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। स्मॉग से अस्थमा, दमा, फेफड़ों की बीमारों के लिए भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मास्क और एयरप्यूरीफायर भी नहीं आयेंगे काम
स्मॉग की बढ़ती समस्या को देखते हुए चिकित्सक मास्क और एयरपूयराफायर की सलाह दे रहे है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कया क्या लोग घर से निकलेंगे ही नहीं। एयरपूरीफायर तो घर तक ही सीमित होगा बाहर काम नहीं करेगा। क्योंकि रोजी रोटी के लिए निकलने वाले आम आदमी के लिए मुश्किल हो सकती हैं।
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