दहेज की मांग पर बारात लौटाने वाली धनमंती बनी ‘प्रेरणादूत’

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आपने अब तक शराबी दूल्हे या ‘स्मार्ट’ नहीं दिखने पर दूल्हे को बारात सहित लौटाने की घटना देखी और सुनी होगी, लेकिन बिहार में पटना के ढिबरा गांव की धनमंती कुमारी ने अपने पिता की इज्जत नीलाम होती देखकर विवाह मंडप में न केवल अपनी जयमाला तोड़कर फेंक दी, बल्कि दहेज के लालची दूल्हे से विवाह करने से भी इनकार कर दिया।

पटना जिला प्रशासन ने धनवंती की हिम्मत को दाद देते हुए उसे ‘प्रेरणादूत’ सम्मान से सम्मानित किया है।

पटना के दानापुर प्रखंड स्थित जमसौत पंचायत के ढिबरा गांव की धनमंती कुमारी की शादी गया जिले के कांटी निवासी रामाशंकर चौहान के बेटे पुरुषोत्तम कुमार से तय हुई थी। तय समय के मुताबिक, आठ मई को बारात दरवाजे पर लगने के बाद जयमाला की रस्म हुई।

इसके बाद वर पक्ष के लोग कन्या को गहना चढ़ाने पहुंचे। इस दौरान सोने या चांदी की जगह पीतल का ‘ढोलना’ देख धनमंती कुछ झिझकी, पर गरीब और मजदूरी करने वाले पिता को देख उसने नजरें नीची कर लीं।

इसी बीच दूल्हे का पिता दहेज में तय रकम के बाकी पैसे मांगने लगा। पैसे नहीं होने की बात कह दुल्हन के पिता ने बाद में देने की बात कही, लेकिन वह पैसे नहीं मिलने तक शादी नहीं होने देने की जिद पर अड़ा रहा। दुल्हन के पिता बुद्धदेव चौहान ने गिड़गिड़ाते हुए अपनी पगड़ी दूल्हे के पिता के पैर पर रख दी और किसी तरह इज्जत बचाने की गुहार लगाई, मगर वह नहीं माना।

ऐसी स्थिति को देखते हुए धनमंती ने कठोर फैसला लिया और जयमाला तोड़कर शादी से साफ इनकार कर दिया। दुल्हन को लोगों ने काफी देर तक समझाने का प्रयास किया, लेकिन दुल्हन ने कहा, “ऐसे दहेज लोभियों से शादी नहीं करूंगी।”

धनमंती का कहना है, “मेरे लिए मेरे पिता की इज्जत सबसे अहम है। यह सुनकर सब दंग रह गए और बाद में दुल्हन की हिम्मत की दाद देने लगे।”

धनमंती के इस जज्बे को देखकर गुरुवार को पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने धनमंती को ‘प्रेरणा दूत’ सम्मान से नवाजा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दहेज मांगने वाले दूल्हे की जल्द गिरफ्तारी होगी और स्पीडी ट्रायल चलाकर उसे एक माह में सजा दिलाई जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा, “दहेज लोभियों के खिलाफ धनमंती की चिंगारी ज्वालामुखी बनेगी। शिकायत मिलते ही दहेज लोभियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। धनमंती कुमारी ने हिम्मत दिखाई और दहेज लोभियों को वापस कर दिया।”

उन्होंने कहा कि दूल्हे पुरुषोत्तम चौहान को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दूल्हे के पिता रामाशंकर चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

जिलाधिकारी ने अन्य लड़कियों से भी अपील की है कि वे दहेज लोभियों को सबक सिखाने के लिए धनमंती की तरह हिम्मत दिखाएं।

पटना जिला प्रशासन अब धनमंती कुमारी को कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित करने की बात कही है। जिला प्रशासन ने जीविका के महत उसे ‘रिसोर्स पर्सन’ बनाकर रोल मॉडल के तौर लोगों के बीच ले जाने की योजना बनाई है।

इस मौके पर अग्रवाल ने मध्य ग्रामीण बैंक से पढ़ाई को खर्च उठाने, पिता को रोजगार के लिए एक लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। साथ ही 5,100 का नकद पुरस्कार दिया। इस मौके पर धनमंती के पिता बुद्धदेव चौहान, मां कांती देवी और चाची माया देवी भी उपस्थित थीं।

धनमंती कुमारी उस दिन को याद करते हुए कहती हैं, “लड़के के पिता रामाशंकर चौहान ने मेरे पिता बुद्धदेव चौहान से 51 हजार रुपये तथा सोने का अंगूठी देने की मांग की। पिता ने अपनी पगड़ी उनके पैर पर रख दी। इज्जत बचाने की गुहार लगाते रहे। पिता का अपमान सहा नहीं गया और मैंने निर्णय ले लिया।”

धनमंती के पिता ने बताया, “एक लाख पांच हजार रुपये में शादी तय हुई थी। 90 हजार दे दिए थे। दूल्हे पक्ष ने विवाह के मौके पर 51 हजार और सोने की अंगूठी की मांग कर दी। मेरे पास देने के लिए कुछ भी नहीं था। मेरा अपमान बेटी से नहीं सहा गया।”

चौहान ने कहा, “भगवान जो करते हैं ठीक ही करते हैं, वैसे घर में मेरी बेटी भी कभी खुश नहीं रहती। अब कोई नया घर ढूंढ़ धनमंती का घर बसाएंगे।”

बहरहाल, धनमंती की हिम्मत का चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। अभिभावक और अन्य लड़कियां भी धनमंती को अब प्रेरणादूत मान रही हैं।
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