सिंधु जल विवाद के समाधान की उम्मीद

0

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल विवाद के मुद्दे पर हाल ही में वाशिंगटन में हुई नवीनतम चरण की बातचीत के बाद इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकलने की उम्मीद जगी है। एक शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ ने यह कहा।

‘मीडिया’ ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि दो सप्ताह पहले अपने मुख्यालय में इस वार्ता की मेजबानी करने वाले विश्व बैंक ने एक अगस्त को एक प्रेस रिलीज में इस सकारात्मक बदलाव का जिक्र करते हुए कहा है कि ‘बैठकें’ सद्भावना और सहयोग की भावना के साथ आयोजित हुई।

read more :  जानें, कांग्रेस का ‘बागी विधायक’ निकालो ‘अभियान’

परियोजनाओं का तकनीकी डिजाइन सिंधु जल संधि समझौते का उल्लंघन

भारत और पाकिस्तान के बीच किशनगंगा (330 मेगावॉट) और रातले (850 मेगावॉट) जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर विवाद जारी है, जिसका निर्माण भारत कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि दोनों परियोजनाओं का तकनीकी डिजाइन सिंधु जल संधि समझौते का उल्लंघन है। भारत-पाकिस्तान जल विवाद पर वार्ता की बारीकी से निगरानी करने वाले एक विशेषज्ञ ने ‘मीडिया’ को बताया कि कई वर्षो में यह पहली बार है, जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक वार्ता हुई है।

दोनों पक्षों के बीच औपचारिक अभिवादन तक नहीं हुआ

विशेषज्ञ ने बताया कि पहले हुई वार्ताओं के दौरान ऐसा भी हुआ है जब दोनों पक्षों के बीच औपचारिक अभिवादन तक नहीं हुआ। सिंधु जल समझौता विश्व बैंक के सहयोग से भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल तक हुई बातचीत के बाद 1960 में हुआ था। विश्व बैंक के अनुसार, दोनों पक्ष इस मसले पर अगले महीने वार्ता करने के लिए तैयार हो गए हैं। चिनाब नदी पर लगने वाली इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर के बिजली उत्पादन में तीन गुना बढ़ोतरी होने की आशा है। इस समय राज्य में 3000 मेगावाट बिजली पैदा होती है। हालांकि इन परियोजनाओं को पूरा होने में कई साल लगेंगे लेकिन उन्हें भारत सरकार की ओर से मंजूरी मिलना ही पाकिस्तान को भड़काने के लिए काफी है। यह अलग बात है कि इन परियोजनाओं की तकनीकी रूपरेखा 1991 में बनी थी और हर पहलू की जांच-पड़ताल करने के बाद उन्हें मंजूरी मिलने में इतना अधिक समय लग गया। लेकिन पर्यावरणवादी अभी भी इनका विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह समूचा क्षेत्र बाढ़, भूस्खलन और भूकंप की संभावना वाला क्षेत्र हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More