जल घोटाले मामले में आजम की नहीं होगी गिरफ्तारी
सपा नेता आजम खान को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जांच एजेंसी एसआईटी को निर्देश दिया है कि आजम खान को गिरफ्तार न किया जाय। आजम खां ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की खातिर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी।
प्रदेश शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी
हाईकोर्ट ने एसआईटी के जवाब के बाद याचिका निस्तारित कर दी है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने हाईकोर्ट में गुरुवार को साफ किया वह जांच के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं करती है। मुकदमे की जांच पूरी करने के बाद वह प्रदेश शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।अप्रैल में ही जल निगम भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
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आजम खां के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज हुआ है। आजम खां के साथ पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह, ओएसडी अफाक, पीके आसुदानी और चीफ इंजीनियर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खां व तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी व अन्य के खिलाफ एसआईटी ने योगी आदित्यनाथ सरकार को रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में आजम खां व एमडी आशुदानी व अन्य पर मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति मांगी गई थी। इस बाबत शासन से अनुमति मिलते ही एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई।आजम खां ने कहा था अदालतों के फैसले उनके पक्ष में हैं, लेकिन राजनेताओं का फैसला उन जैसे लोगों को प्रताडि़त करने का है। उन्होंने कहा कि नौकरियां देने के जुर्म में अगर जेल जाना पड़ता है तो जाएंगे।
आजम खां के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद
अखिलेश यादव सरकार में जल निगम में 1300 पदों पर भर्तियां हुई थीं। उस समय आजम खां जल निगम के अध्यक्ष थे। अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा है कि आजम खां के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों के पर्याप्त सबूत हैं। एसआईटी इंचार्ज आलोक प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आजम खां के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।भाजपा सरकार आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अखिलेश के कार्यकाल में हुई हर सरकारी विभाग की भर्तियों की जांच कराएंगे।
आजम खां के ओएसडी रहे आफाक भी बयान दर्ज करा चुके हैं
जल निगम में हुई भर्तियों की जांच बीते सितंबर महीने में एसआईटी को दी गई थी। मामले में अब तक पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह के बयान भी दर्ज हो चुके हैं। आईएएस एसपी सिंह रिटायर हो चुके हैं। वहीं आजम खां के ओएसडी रहे आफाक भी बयान दर्ज करा चुके हैं। इस मामले में 122 असिस्टेंट इंजीनियर को सरकार बर्खास्त कर चुकी है। इससे पहले 22 सितंबर को एसआईटी का जल निगम के हेडक्वार्टर्स पर छापा पड़ा था। पांच दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ हुई थी। अब तक इस मामले में 8 अफसरों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है।
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