शत्रु संपत्ति से मिलेगी इस बार बजट में राहत !

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बजट पेश करने से पहले सरकार राजकोषीय घाटे से चिंता में है, ऐसे में चीन और पाकिस्तान जाकर बस चुके लोगों की शत्रु संपत्ति बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल, देश में करीब 9 हजार शत्रु संपत्तियां हैं जिनकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये के करीब बैठती है। अगर सरकार इसमें से कुछ संपत्ति भी नीलाम कर दे तो अच्छी खासी रकम आ सकती है।

शत्रु संपत्तियों का हो चुका है सर्वे

बजट के आसपास सरकार ऐसा कर भी सकती है क्योंकि ऐसी संपत्तियों की लिस्ट बनाने का काम जारी है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले ही जानकारी दी थी कि 6 हजार 289 शत्रु संपत्तियों का सर्वे पूरा हो चुका है और उनमें से जिनपर किसी तरह का विवाद नहीं है उनको जल्द से जल्द नीलाम भी किया जा सकता है। शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक 2017 के जरिए सरकार इस काम को पहले ही आसान बना चुकी है। अब शत्रु संपत्ति की कस्टडी रखने वाले उसे बेच सकते हैं, शत्रु संपत्ति कानून, 1968 में ऐसी सुविधा नहीं थी।

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सरकार की चिंता

इस वित्तवर्ष राजकोषीय घाटा 0.3 प्रतिशत बढ़कर 3.2 प्रतिशत होने का अंदेशा है। वहीं जीडीपी की रफ्तार धीमी है, जीएसटी से टैक्स कलैक्शन भी उतना नहीं हुआ और टेलीकॉम स्पैक्ट्रम बेचने से भी ज्यादा लाभ नहीं मिला। इन वजहों से राजकोषीय स्थिति बिगड़ी हुई है। तेल के बढ़ते दाम और पचास हजार करोड़ का प्रस्तावित कर्ज भी सरकार पर भार बढ़ाएगा।

किसकी कितनी संपत्ति

पाकिस्तान जाने वाले लोगों की देश में कुल 9,280 प्रॉपर्टीज हैं। इनमें सबसे ज्यादा 4,991 प्रॉपर्टीज उत्तर प्रदेश में हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ऐसी 2,735 प्रॉपर्टीज हैं। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में ऐसी 487 संपत्तियां है।

149 संपत्तियां ऐसे लोगों की है जिन्होंने चीन की नागरिकता ले ली है। चीन के नागरिकों से जुड़ी सबसे अधिक 57 शत्रु संपत्तियां मेघायल में हैं, जबकि 29 पश्चिम बंगाल में हैं। असम में ऐसी 7 प्रॉपर्टीज हैं। तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और असम में भी ऐसी कुछ प्रॉपर्टीज हैं। माना जा रहा है कि अगर सरकार शत्रु संपत्ति का कुछ हिस्सा भी नीलाम कर देती है तो यह काफी मददगार साबित होगा।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

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