15 से अधिक उम्र की लड़कियों की तालिबान नेताओं ने मांगी थी लिस्ट, अब क्या होगा?
15 से अधिक उम्र की लड़कियों की तालिबान नेताओं ने मांगी थी लिस्ट, अब क्या होगा?
अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो की फौजों के जाने के बाद अफरा-तफरी का माहौल है। राजधानी काबुल से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं।
लोग बिना सामान लिए ही देश छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं तालिबान की ओर से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। देश में लगातार तालिबान लड़ाकों की ताकत बढ़ रही है जिससे अफगान महिलाओं के भीतर भी डर बढ़ गया है।
तालिबान नेताओं के इस आदेश का क्या मतलब-
जुलाई की शुरुआत में, बदख्शां और तखर के प्रांतों पर नियंत्रण करने वाले तालिबान नेताओं ने स्थानीय धार्मिक नेताओं को तालिबान लड़ाकों के साथ विवाह के लिए 15 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 वर्ष से कम उम्र की विधवाओं की सूची प्रदान करने का आदेश जारी किया था।
हालांकि यह जानकारी नहीं है कि ऐसी सूची उन्हें दी गई या नहीं। तालिबान का कहना था कि इन लड़कियों से वो अपने लड़ाकों की शादी करवाएगा और बेहतर जिंदगी देगा।
वैसे तो तालिबान का दावा है कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों पर अपना रुख बदल लिया है लेकिन साल 2001 में अमेरिकी दखल से पहले यहां कई ऐसे नियम थे, जो महिला आजादी को पूरी तरह खत्म कर चुके थे।
ऐसे थे तालिबानी नियम-
8 साल या उससे ऊपर की लड़कियां घर से बाहरी पुरुषों के साथ खुले में बात नहीं कर सकतीं थी।
एक पुरुष संरक्षक या महरम के बिना उनके घर से बाहर जाने पर पाबंदी थी।
महिलाओं के हाई हील्स पहनने पर पाबंदी थी। तालिबान का मानना है कि इससे पुरुषों रास्ता भटक जाते हैं।
यहां तक कि महिलाएं या बच्चियां ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकतीं थी। वे इतना धीमे बोलें कि किसी भी अनजान आदमी को उसकी आवाज न सुनाई पड़े।
महिलाओं को घरों की खिड़की या बालकनी से देखने पर मनाही थी। बालकनी या छत पर औरतों के जाने की मनाही थी।
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