SC का फैसला: पेड़ काटने के केस में सीईसी की सिफारिश मंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की उन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की उन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. जिसमें एक कस्टमाइज्ड (अनुकूलित) मॉड्यूल बनाना शामिल है इसके तहत दिल्ली में ग्रीन एरिया को बढ़ाने के लिए एक विशेष मॉड्‌यूल बनाया जाएगा. इन मॉड्यूल में वैसे परियोजनाओं का विवरण देना होगा जिसके लिए पेड़ काटे जाने जरूरी हैं साथ ही कितने पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा और पेड़ की जगह हरित क्षेत्र पूरा करने के लिए फिर से वृक्षारोपण भी शामिल होगा. साथ ही इन सबका विवरण देना होगा.
एक अर्जी दाखिल कर राजधानी दिल्ली में ग्रीन बेल्ड बढ़ाने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित करने की गुहार वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सीईसी ने रिपोर्ट पेश की है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

सीईसी की सिफारिशों पर एक्शन

राजधानी दिल्ली में रिज दिल्ली में अरावली रेंज का विस्तार है. यह चार जोन में है.इन चारों जोन में कुल एरिया 7784 हेक्टेयर है. जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेच ने कहा कि हम रिपोर्ट को देखने के बाद इसे स्वीकार करते हैं. हम निर्देश देते हैं कि सीईसी की सिफारिशों पर एक्शन लिया जाए.

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शर्तों का पालन न करने पर उचित कार्रवाई

सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सिफारिश की जाती है कि तमाम प्रोजेक्ट प्रोपोजल को जब पेड़ कटाई की इजाजत दी जाती है तो अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन हो और इसके लिए छह महीने तक की अवधि की छूट दी जाए तब तक नए प्रस्ताव पेंडिंग रखे जाएं. अगर प्रोजेक्ट के प्रस्तावक आवंटित समय के बाद भी शर्तों का पालन नहीं करता है तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजने का दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सभी आवेदकों और प्रोजेक्ट लाने वालों को नोटिस भेजने की इजाजत दी है. जिन्हें पहले से पेड़ काटने की इजाजत दी गई है उन्हें तीन महीने के भीतर अनुपालन संबंधित आंकड़ा अपलोड करने को कहा गया है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उन पर कंटेष्ट की कार्रवाई होगी.

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