नयी दिल्ली : राज्यसभा से भाजपा सांसद सुब्रमण्यम Subramanyam Swami ने बीजेपी आलाकमान से मांग की है कि गुजरात में कोरोना से हो रही लगातार मौतों की वजह से गुजरात में सीएम रुपाणी को हटाकर उनकी जगह आनंदी बेन पटेल को नया मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिये। इससे पहले भी कई मुद्दों पर Subramanyam Swami अपनी ही पार्टी के नेताओं को घेर चुके हैं।
मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही
देश में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और भाजपा नेता Subramanyam Swami ने गुजरात से अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के खिलाफ बयान देकर नयी दुविधा पैदा कर दी है।
आनंदीबेन पटेल को सीएम बनाओ
Subramanyam Swami ने कहा कि गुजरात में कोरोना से मरने वालों की संख्या तभी स्थिर की जा सकती है, जब आनंदीबेन पटेल सीएम के तौर पर लौट आएं।
दूसरे राज्यों से ज्यादा गुजरात में मृत्यु दर
देश में कोरोना के मामले शनिवार तक 60 हजार के करीब पहुंच गए। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और गुजरात हैं। गुजरात में देश के करीब 12.5 फीसदी (7400) मामले हैं और मृत्यु दर 6 फीसदी के करीब है।
राज्य में अब तक 450 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। यह दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा है। गौरतलब है कि दिल्ली और तमिलनाडु में 6 हजार से ज्यादा केस हैं, लेकिन दोनों ही राज्यों में मृतकों की संख्या अभी 70 के पार नहीं पहुंच पाई है।
विजय रुपाणी को सीएम पद से हटाए जाने की थी अटकलें
गौरतलब है कि गुजरात में बढ़ती मौतों और संक्रमण के मामलों के चलते ऐसी अटकलें थीं कि विजय रुपाणी को राज्य के मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है। ऐसा कहा जा रहा था कि उनकी जगह केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को राज्य की कमान दी जा सकती है। हालांकि, मंडाविया ने खुद ही इन आशंकाओं पर ट्वीट कर विराम लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। गुजरात के साथ भी वैसा ही है।
राज्य सीएम रूपाणी के कुशल नेतृत्व में है। इस समय, सीएम बदलने आदि के बारे में अफवाहें फैलाना लोगों के हित में नहीं है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे इस तरह की अफवाहों में न पड़ें।
कौन हैं आनंदीबेन पटेल?
Subramanyam Swami ने मांग की कि आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया जाए। आनंदीबेन पटेल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री बनी थीं।
2017 में उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें 2018 में मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। जुलाई 2019 में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
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