“स्थानीय नेताओं ने मुझे साजिश का शिकार बनाया”, सपा सांसद एस. टी हसन बोले- समय पर नहीं मिले थे नामांकन के कागज

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लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगने के बाद सभी पार्टियों में कई ऐसे मौजूदा सांसद है, जिनका टिकट इस बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने काट दिया है. टिकट काटो अभियान के इस जद में मुरादाबाद से सपा सांसद एस. टी हसन भी आ गए हैं. सपा ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया है. उनकी जगह पर बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है.

स्थानीय नेताओं ने की साजिश- हसन

टिकट कटने के बाद से ही सपा सांसद एस. टी हसन अपनी नाराजगी जताकर नेतृत्व को कोस रहे हैं. मंगलवार यानी कि 9 अप्रैल को एस.टी हसन ने कहा कि कुछ स्थानीय नेताओं की ‘साजिश’ के चलते पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के लिए जरूरी कागजात उन तक समय से नहीं पहुंच सके. इसी वजह से वह नामांकन के आखिरी दिन 28 मार्च को पर्चा नहीं दाखिल कर सके.

रुचि वीरा के लिए प्रचार से इनकार

एस. टी हसन ने रुचि वीरा के लिए चुनाव प्रचार करने से इनकार किया है. हालांकि वह अन्य सीटों पर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के लिए प्रचार करेंगे. हसन से स्थानीय स्तर पर विरोध के बीच सपा की अधिकृत प्रत्याशी रुचि वीरा की जीत की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, “अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. चुनाव तो चुनाव है. देखते हैं क्या होता है.”

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एस. टी हसन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार के तौर पर मुरादाबाद से चुनाव लड़ा था और भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह से हार गए थे. 2019 में एस. टी हसन ने सर्वेश सिंह को 97,878 मतों से हराकर मुरादाबाद सीट जीती थी. इस बार फिर से बीजेपी ने सर्वेश सिंह को मैदान में उतारा है. एस. टी हसन 2006 से 2012 तक मुरादाबाद के मेयर भी रह चुके हैं.

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