बाजीगर साबित हुए अहमद पटेल

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लम्बे समय से चल रही प्रतिष्ठा की लड़ाई का फैसला अखिरकार देर रात आ गया। आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहाकार अहमद पटेल गुजरात राज्यसभा का चुनाव की सीट पर विजय प्राप्त की।

वोट रद हो जाने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई

अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उम्मीद के मुताबिक ही आसानी से जीत गए। लेकिन राज्य से राज्यसभा की तीसरी सीट पर भाजपा के बलवंत सिंह के मुकाबले हारी बाजी जीत कर बाजीगर साबित हुए अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार राज्यसभा में पहुंचने में सफल रहे।पीएम मोदी ने गुजरात राज्यसभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को ट्विट कर बधाई दी। कांग्रेस के राघवभाई पटेल और भोलाभाई गोहिल के वोट रद हो जाने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई।

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विधायकों के वोट रद करने की मांग की

पटेल को 44 वोट मिले। इससे पहले मतदान खत्म होने पर मतपत्र दिखाने वाले बागी विधायकों के वोट रद करने की मांग को लेकर कांग्रेस दिल्ली में चुनाव आयोग पहुंची थी। दो घंटे के अंतराल में तीन बार भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष अपने-अपने दावे पेश किए। भाजपा ने तत्काल गिनती शुरू कराने की मांग की तो कांग्रेस ने क्रास वोटिंग करने वाले अपने दो विधायकों के वोट रद करने की मांग की।

अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चित थी

तेजी से बदले घटनाक्रम में पूर्ण चुनाव आयोग बैठक कर मंथन में जुट गया। आयोग ने वीडियो फुटेज देखने के बाद कांग्रेस की मांग मान ली और दोनों बागियों के वोट रद कर वोटों की गिनती शुरू करने के आदेश दिए।  गुजरात से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चित थी, वहीं तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल भंवर में फंसते दिख रहे थे। यूं तो पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि ऐन वक्त पर कांग्रेस के कुछ विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं। फिर भी कांग्रेस के नेता आश्वस्त थे।

आयोग का दरवाजा खटखटाया और तत्काल वोटिंग शुरू करने की मांग की

पर मंगलवार की शाम वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता चुनाव आयोग पहुंच गए। पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग का दरवाजा खटखटाया और हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि चुनाव में वोट दिखाया नहीं जाता है। ऐसा होने पर वोट अमान्य हो जाता है। चूंकि कांग्रेस के दो विधायकों के वोट दूसरों ने भी देख लिए हैं, इसलिए उनका वोट अमान्य किया जाए। जाहिर है कि कांग्रेस अपने विधायकों को क्रास वोटिंग करने से नहीं रोक सकी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के जवाब में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी आयोग का दरवाजा खटखटाया और तत्काल वोटिंग शुरू करने की मांग की।

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