विपक्ष की बैठक में नहीं पहुंची शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से विपक्षी दलों की जो बैठक बुलाई गयी थी उसमें तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना व आम आदमी पार्टी ,द्रमुक, सपा, बसपाशामिल नहीं हुई इसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं जारी हैं। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक में कुल 20 दल शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर नफरत फैलाने और लोगों को बांटने का आरोप लगाया।
सरकार लोगों का उत्पीड़न कर रही है
सरकार लोगों का उत्पीड़न कर रही है, नफरत फैला रही है और हमारे लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है। देश में उथल-पुथल मची हुई है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
मोदी-शाह ने सीएए और एनआरसी के नाम पर देश को गुमराह किया।
युवा देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे
युवा देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं इन्हें देश की जनता का समर्थन मिला हुआ है। इसका मुख्य कारण सीएए और एनआरसी है। इसे लेकर लोगों में निराशा और क्रोध है, जो अब सड़कों पर आ गया है। इस दौरान यूपी और दिल्ली में पुलिस द्वारा की गई प्रतिक्रिया चौंकाने वाली, पक्षपातपूर्ण और क्रूर है।
जामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एएमयू और दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों के बाद भाजपा ने जेएनयू में भी हिंसा फैलाई। मोदी-शाह की सरकार शासन करने और लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है।
20 दलों के नेता शामिल
कांग्रेस द्वारा बुलाई गई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, भाकपा के डी राजा, रालोद के अजित सिंह सहित 20 दलों के नेता शामिल हैं। इस बैठक में शिवसेना, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं हुई है।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सीएए विरोधी प्रदर्शनों, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में हिंसा के बाद के हालात, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट पर चर्चा हो रही है। इस बैठक में संसद के आगामी बजट सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।