इमारत ढहने के मामले में शिवसेना नेता गिरफ्तार

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मुंबई के घाटकोपर में एक चार मंजिली इमारत ढहने के संबंध में बुधवार को शिवसेना नेता सुनील शितप को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज  किया गया। मुंबई में मंगलवार को चार मंजिली इमारत के ढहने से 17 लोगों की मौत हो गई।

शितप को मंगलवार रात को हिरासत में लिया गया था। उन्हें बुधवार सुबह औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए गए।

पुलिस और बीएमसी के मुताबिक, शितप घाटकोपर में इस साईं दर्शन नामक चार मंजिली इमारत के भूतल पर खोले गए नर्सिग होम का मालिक थे।

शुरुआती जांच से पता चला है कि शितप कथित तौर पर नर्सिग होम की गैर-कानूनी तरीके से मरम्मत और नवीनीकरण कर इसे गेस्ट हाउस में तब्दील करने के लिए काम करा रहे थे। उन पर इस दौरान इमारत के एक मुख्य पिलर को तोड़ने का आरोप है, जिसके कारण इस पुरानी इमारत का ढांचा कमजोर हो गया और मंगलवार को यह ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

इमारत में रहने वाले लोगों और पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने ढांचागत बदलावों को लेकर बार-बार शितप को चेतावनी दी थी, लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया।

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में भी बुधवार को यह मुद्दा छाया रहा। विपक्ष ने इस पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना की संयुक्त सरकार बुधवार देर शाम तक इस पर बयान जारी कर सकती है।

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इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि घटना में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 17 हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि बचाव कार्य बुधवार सुबह तक जारी रहे।

महराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात को घटनास्थल का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की थी। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।” उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और एक पखवाड़े के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

फडणवीस ने पीड़ितों और स्थानीय लोगों के साथ बैठक के बाद आश्वस्त किया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। न्मुंबई महानगरपालिका निगम (बीएमसी), मुंबई अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एडीआरएफ) की टीमें खोज एवं बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।

बीएमसी के बयान के मुताबिक, अभी तक 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और अब भी कुछ के मलबे में दबे होने की आशंका है।

रिपोर्ट्स से अलग बीएमसी ने कहा है कि निजी इमारत होने की वजह से यह खतरनाक इमारतों की उसकी सूची में नहीं था।

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