भगवान शिव को महाकाल भी कहा जाता है यानि मृत्यु भी जिसके अधीन है। देवों के देव महादेव को कालों का काल भी कहते है। वैसे तो आदिदेव का उल्लेख कई धार्मिक गंथों और पुराणों में किया गया है।
लेकिन इनमें से सबसे प्रचलित शिव पुराण है। शिव पुराण में महादेव ने माता पार्वती को मृत्यु से संबंधित कई संकेत बताए हैं।
आइए जानें कौन-कौन से हैं संकेत-
शिव पुराण के मुताबिक, जिस व्यक्ति को अचानक नीले रंग की मक्खियां घेर लें, तो ये मृत्यु का संकेत है।
भगवान शिव ने बताया है कि जिसके सिर के ऊपर कौआ और गिद्ध और कबूतर आकर बैठे या घेर ले तो यह आयु कम होने का संकेत है।
शिव पुराण के अनुसार, अगर किसी को ध्रुव तारा या सूर्य मंडल का कोई भी तारा दिखाई न दे, रात को इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात दिखाई दे तो ये मृत्यु का संकेत है।
इसके अलावा अगर बायां हाथ एक हफ्ते तक लगातार फड़फड़ाता है, तो ये इस बात का संकेत है कि मौत नजदीक है।
शिव पुराण के अनुसार, जिनकी मुंह, नाक, कान और जीभ ठीक से काम नहीं करते हैं, ऐसे लोगों की मौत कुछ महीने के भीतर हो सकती है।
प्रचलित शिव पुराण के अनुसार, जिस व्यक्ति को जल, तेल, घी और शीशे में अपनी परछाई न दिखाई दे, उस व्यक्ति की मृत्यु कभी भी हो सकती है।
शिव पुराण के अनुसार, अगर व्यक्ति का पूरा शरीर सफेद और पीला पड़ जाए या शरीर पर लाल निशान दिखाई दे, तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु करीब हो सकती है।
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