खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार को भारत की शान और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है। केंद्र सरकार के इस ऐलान से ध्यानचंद की भतीजी बेहद खुश है।
बदायूं में रहने वालीं ध्यानचंद की भतीजी चंद्रकला ने वो किस्सा सुनाया जब जर्मनी के तानाशाह हिटलर के ऑफर को ध्यानचंद ने ठुकरा दिया था।
हिटलर ने ध्यानचंद को दिया था ये ऑफर-
चंद्रकला ने मेजर ध्यानचंद की हिटलर के साथ हुई घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ध्यानचंद ने उन्हें बताया था कि किस तरह से उन्होंने हॉकी मैच में हिटलर की टीम को हराया था।
इस दौरान मेजर ध्यानचंद ने फटे हुए जूते पहने थे। हिटलर ने उन्हें ऑफर देते हुए कहा था कि अगर वे उनके देश में चलते हैं, तो अच्छी नौकरी और खेलने की सभी सुविधाएं मिलेंगी।
ध्यानचंद ने दिया था ये जवाब-
लेकिन ध्यानचंद ने अपने देश का गौरव बढ़ाते हुए कहा कि वह मरते दम तक हिंदुस्तान के लिए ही खेलेंगे। देश से किसी भी हाल में गद्दारी नहीं करेंगे।
बता दें कि चंद्रकला कैप्टन रूप सिंह की बेटी हैं। कैप्टन रूप सिंह भी ध्यानचंद के साथ हॉकी खेलते थे। उन्होंने भी ओलंपिक और इंटरनेशनल मैचों में हिस्सा लिया। चंद्रकला की उम्र 75 साल है।
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