बनारस यूनिवर्सिटी में दलित छात्रा पर टॉयलेट इस्तेमाल पर लगी रोक !

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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में टीचर द्वारा दलित छात्रा से टॉयलेट साफ कराने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि एक और दलित छात्रा ने सुरक्षाकर्मियों पर जातिगत भेदभाव करने का आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि दलित होने की वजह से बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों ने उसे शौचालय का इस्तेमाल करने से रोका। इसे लेकर छात्रा और सुरक्षाकर्मियों के बीच कुछ देर तक नोंकझोक भी हुई। छात्रा ने घटना के बाबत यूनिवर्सिटी प्रशासन को लिखित शिकायत की है।

क्या है छात्रा का आरोप ?

यूनिवर्सिटी में इन दिनों काउंसिंग का दौर चल रहा है। इसे लेकर कला संकाय की छात्रा पूजा (बदला हुआ नाम) ने महिला महाविद्यालय के गेट पर नवागत छात्रों की मदद के लिए ‘बीएचयू बहुजन हेल्प डेस्क’ लगाया था। छात्रा का आरोप है कि गुरुवार को दोपहर में उसने गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों से टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए परमिशन मांगी, जिसे मना कर दिया गया।

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छात्रा के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आप या तो अपने हॉस्टल जाइए या फिर सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में बने टॉयलेट का इस्तेमाल करिए। सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने पर छात्रा ने विरोध किया। इसके बाद दोनों पक्षों में काफी देर तक बहस होती रही लेकिन सुरक्षाकर्मी नहीं माने।

चीफ प्रॉक्टर ने आरोपों को किया खारिज

घटना के बाबत चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने छात्रा के आरोपों को खारिज किया है। उनके मुताबिक सुरक्षाकर्मियों के लिए बने जेंट्स टॉयलेट इस्तेमाल करने से छात्रा को रोका था। सुरक्षाकर्मियों ने छात्रा से कहा कि ये जेंट्स टॉयलेट है, आप लेडिज टॉयलेट का इस्तेमाल करिए। लेकिन छात्रा नहीं मानी और उसने इसे मुद्दा बना दिया।

दलित छात्रा से टॉयलेट साफ कराने का लगा था आरोप

बीएचयू में दलित छात्रा के साथ भेदभाव का ये कोई पहला वाक्या नहीं है. दो महीने पहले महिला महाविद्याल के हॉस्टल में एक दलित छात्रा से टॉयलेट साफ कराने का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई थी।

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