Digital Arrest का दूसरा मामला, पीडित से ठगे ढाई लाख रूपए

जानें क्या होता डिजिटल अरेस्ट, कैसे करें इससे बचाव ?

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Digital Arrest: पैसों के डिजिटल लेन – देन के बाद ठगी के मामलों में भी लगातार इजाफा देखा जा रहा है. आए दिन किसी ने किसी बहाने से साइबर ठग लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं. ऐसे में ठगों मे ठगी का एक नया ही तरीका इजाद किया है. इसका पहला शिकार हरियाणा के फरीदाबाद की एक नाबालिग लड़की हुई थी, जिसे 17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके ढाई लाख रूपए की ठगी को अंजाम दिया गया था. अब ऐसा ही डिजिटल ठगी का दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से सामने आया है. इसमें ठगों में 65 वर्षीय बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है. इस दौरान ठगों ने बुजुर्ग को न सिर्फ डिजिटल अरेस्ट किया बल्कि उनसे दो लाख 20 हजार रूपए भी ठग लिए. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला ?

इस तरह दिया घटना को अंजाम

दरअसल, यूपी के जिला आजमगढ़ से डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है. इसमें ठगों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कराकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. यह मामला संज्ञान में तब आया जब बुधवार को गंभीरपुर थाना क्षेत्र के टेकमलपुर गांव के रहने वाले मोतीलाल इसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए एसपी ऑफिस पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने बताया कि, ”मेरे बेटे का नाम अनंत यादव है जो ओमान में रहता है.

बीते छह मार्च को मेंरे फोन पर एक कॉल आया. जिसपर दूसरी तरफ से बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को सीआईडी ऑफिसर बताते हुए पूछा कि, आपके लड़के का नाम अनंत है और वह ओमान में रहता है. कुछ लोगों ने उससे मारपीट की है, उसे बचाने के तौर पर हमने उसे एंबेसी में छिपा रखा है. बाहर मीडिया वाले खड़े हैं, यदि वह मीडिया की नजर में आया तो उसे 20 साल की सजा हो सकती है.”

इसके आगे पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि, ”अगर आप बच्चे को छुड़वाना चाहते हैं तो, आपको फाइन के तौर पर कुछ पैसे एक खाते में जमा करने होंगे. विश्वास कराने के लिए मैं आपकी बात आपके बेटे से करवाता हूं. इसके बाद उसने मेरी बात किसी व्यक्ति से कराई, जिसकी आवाज हूबहू मेरे बेटे के जैसी ही थी. उन्होंने कहा, मेरे पास आधे घंटे से अधिक समय नहीं है और फोन तब तक नहीं कटेगा जब तक पैसे ट्रांसफर नहीं हो जाते हैं. ”

बेटे की रिहाई के नाम पर उड़ाए दो लाख 20 हजार

इसके बाद मेरे द्वारा उनके द्वारा दिए गए अकाउंट पर दो लाख 20 हजार रुपये चेक से भेजे गए. वहीं इस पूरी घटना के बाद जब मैने अपने बेटे से बात की तो उसने बताया कि, वह तो पूरी तरह से ठीक है. उसे कुछ नहीं हुआ, तब मुझे पता चला की मेरे साथ धोखाधड़ी की गई है. इसके बाद में वह रानी की सराय में साइबर थाना शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे और अपना बैंक का खाता बंद करा दिया. लेकिन तब तक उनके खाते से एक लाख रुपये निकल चुके थे.

क्या होता है Digital Arrest ?

साइबर एक्सपर्ट कि माने तो डिजिटल अरेस्ट में आरोपित पर मोबाइल फोन या लैपटॉप पर वीडियो कॉलिंग या अन्य ऐप से नजर रखी जाती है. नियमों के अनुसार, वह वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं हो सकता. आरोपित को यानी वीडियो कॉल के माध्यम से उसके घर में कैद कर दिया जाता है. इस दौरान वह न तो किसी से बात कर सकता है और न किसी के पास लंबे समय खड़ा रह सकता है. साथ ही वीडियो कॉलिंग के दौरान उसे अपनी आवाज हर समय सुनानी होती है.

इसके अलावा उसपर मोबाइल एप से निगरानी की जा सकती है, जो लगातार ऑडियो-वीडियो कॉल और चैटिंग करता है. यही कारण है कि आरोपित न तो किसी से मदद मांग सकता है और न ही किसी को अपनी व्यथा बता सकता है. बस उसे जो निर्देश मिलते हैं, उसी के अनुसार काम करना पड़ता है. इस तरह का खेल किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है.ऐसे में, इसकी सूचना अपने सबसे करीबी थाने में देकर मामले की जांच करनी चाहिए.

क्या भारतीय न्याय प्रणाली में Digital Arrest का है प्रावधान ?

ठगी के इस मामले को लेकर और सावधानी की तौर पर समझते हैं कि वास्तव में भारतीय न्याय प्रणाली में ऐसा कोई प्रावधान है भी या नहीं ? तो आप को बता दें कि, भारतीय न्याय प्रणाली में फिलहाल डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान ही नहीं है. ऐसे में यदि आपके पास भी धमकी या डराने जैसा कोई कॉल कर के डिजिटल अरेस्ट का नाटक कर ठगी को अंजाम देने का प्रयास करता है तो, आप सबसे पहले इस बात की जानकारी अपने परिवार को दे और उसके बाद इस फोन कॉल की शिकायत नजदीकी थाने में दर्ज कराएं.

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Digital Arrest से कैसे करें बचाव ?

सामान्य तौर पर कोई पुलिस या जांच विभाग आपको फोन करके धमकी नहीं देगा. इसके लिए कानूनी प्रक्रिया होती है और उसी के तहत यह पूरा किया जाता है तो, अगर कोई आपको धमकाने या डराने का फोन करता है तो आपको तुरंत पुलिस को उसकी जानकारी देनी चाहिए. अगर कोई आपसे सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या किसी अन्य सरकारी निकाय से बात कर रहा है तो, आप इसलिए उस संस्था के नंबर पर फोन करके मदद की मांग सकते हैं .सबसे महत्वपूर्ण बात जब कोई आपसे फोन पर पैसे के लेनदेन की बात करे, तो आप बिल्कुल न करें. बिल्कुल भी अपनी निजी जानकारी न दें. अगर इसके बावजूद आपके साथ साइबर क्राइम होता है, तो आप तुरंत 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर फोन करके शिकायत दर्ज कराएं.

 

 

 

 

 

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