विजयदशमी पर शस्त्र पूजन के जरिये सनातन धर्म दुश्मन को देता है ये संदेश….

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अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है, इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर को पड़ रही है. जिसके चलते आज पूरे देश में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है. हमारे सनातन धर्म में विजयदशमी या दशहरे का काफी महत्व है, इसके साथ ही इस दिन रावण का वध कर माता सीता को हासिल करने के लिए प्रभु राम का पूजन किया जाता है, साथ विजयदशमी के अवसर पर सनातन धर्म में शास्त्र पूजा का भी रिवाज है. बताया जाता है कि, ये मान्यता आज से नहीं बल्कि राजा – महाराजा के समय से चली आ रही है. लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि, आखिर ये शस्त्र पूजन किया क्यों जाता है और इस पूजन से सनातन क्या संदेश देना चाहता है.

शस्त्र पूजन का क्या है महत्व

शस्त्र पूजन के महत्व को हम पौराणिक कथाओं से समझने का प्रयास करेंगे. पौराणिक कथाओ के अनुसार, जब महिषासुर नाम के महाभयंकर राक्षस ने देवताओं को भी हरा दिया था, तब सभी देवता भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए और उन्होंने अपने मुख से एक तेज प्रकट किया, जो कि देवी का एक स्वरूप बन गया. इसके बाद देवताओं ने देवी को अपने दिव्य अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए और इन्हीं शस्त्रों की सहायता से देवी ने महिषासुर का वध किया. मान्यता है कि ये तिथि आश्विन शुक्ल दशमी थी. इसलिए इस शुभ तिथि पर शस्त्रों की पूजा विशेष रूप से की जाती है. शायद यही वजह है कि, विजयादशमी के अवसर पर सनातन धर्म में शस्त्रों की पूजन का रिवाज है. इस दिन भारतीय सेना भी विशेष तौर पर हथियारों की पूजा करती है.

कब से शुरू हुई शस्त्र पूजन की परंपरा

मान्यता है कि, दशहरे के दिन किसी भी नए कार्य़ की शुरूआत करना काफी शुभ माना जाता है. इसलिए प्राचीन काल में क्षत्रिय दशहरे का इंतजार युद्ध पर जाने के लिए किया करते थे. इस दिन जिस तरह भगवान श्रीराम ने असत्य को परास्त कर विजय हासिल की थी और मां दुर्गा ने महिषासुर नाम की बुराई का अंत किया था, उसी प्रकार दशहरे के दिन जो भी युद्ध शुरू होता है. उसमें उनकी जीत निश्चित होती थी. युद्ध पर जाने से पहले शस्त्र पूजन होता था. तभी से ये परंपरा शुरू हुई. वहीं इस दिन को ब्राह्मण विद्या ग्रहण करने के लिए भी चुनते थे.

शस्त्र पूजन का मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्तूबर 2023 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से होगी, जो 24 अक्तूबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल 24 अक्तूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी.

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शस्त्र पूजन की विधि

सुबह स्नान आदि करने के बाद एक स्वच्छ स्थान पर सभी अस्त्र – शस्त्र एकत्र करके रख लें और अस्त्र – शस्त्र पर जल अर्पण करें . इसके बाद अस्त्र – शस्त्र र मौली पूजा का धागा बांधे, फिर अस्त्र – शस्त्र पर तिलक लगाकर फूल व माला पहनाएं. माना जाता है कि, विजयदशमी के मौके पर शस्त्र पूजन से घर में शोक और भय का नाश होता है और देवी विजया की कृपा भी बरसती है.

इसके अलावा शस्त्र पूजन के दौरान इस मंत्र का करें जाप –

आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये.
स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये

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