अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पर कब्जा करने संबंधी अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने केवल युद्ध प्रभावित गाजा पट्टी के पुनर्विकास की बात की थी. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि ट्रंप ने गाजा के 18 लाख वासियों को अस्थायी रूप से कहीं और स्थानांतरित करने का सुझाव दिया था.
यह बयान उस समय आया जब ट्रंप के गाजा पट्टी पर कब्जे के प्रस्ताव का अमेरिका के सहयोगी देशों और रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने विरोध किया है. फलस्तीनियों ने भी इस प्रस्ताव की निंदा की है, उनका डर है कि गाजा से स्थानांतरित होने पर उन्हें कभी वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
ट्रंप ने जिन अरब देशों से गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों को अपने यहां बसाने का अनुरोध किया है, उन्होंने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है.
ALSO READ: दिल्ली-NCR के स्कूलों को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेर्स ने ट्रंप के प्रस्ताव के एक दिन बाद कहा कि किसी भी प्रकार के जातीय सफाए से बचना अत्यंत आवश्यक है.
अमेरिका में विरोध प्रदर्शन
वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और एलन मस्क के खिलाफ बुधवार को कई अमेरिकी शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने अप्रवासियों के खिलाफ निर्वासन कार्रवाई, ट्रांसजेंडर अधिकारों को वापस लेने और गाजा से फलस्तीनियों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव की आलोचना की. मिशिगन, टेक्सास, विस्कॉन्सिन, इंडियाना सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के खिलाफ पोस्टर लहराए. अलबामा में ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए सैकड़ों लोग स्टेटहाउस के बाहर एकत्र हुए.
गाजा से पलायन की तैयारी
काहिरा: इजरायल ने गुरुवार को कहा कि उसने गाजा पट्टी से बड़ी संख्या में फलस्तीनियों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के अनुरूप है. इजरायली नेताओं ने ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया है, हालांकि इसे स्वैच्छिक पलायन बताया है.
ALSO READ: खुशखबरी ! RBI ने रेपो रेट में की कटौती, लोन की EMI होगी कम…
मिस्र और सऊदी अरब का विरोध
मिस्र ने चेतावनी दी कि अमेरिका का प्रस्ताव इजरायल के साथ उसकी शांति संधि को कमजोर कर सकता है, जो मध्य पूर्व में स्थिरता और अमेरिकी प्रभाव की आधारशिला रही है. सऊदी अरब ने भी फलस्तीनियों के किसी भी सामूहिक स्थानांतरण को अस्वीकार किया है और कहा कि वह इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा