राष्ट्रपति भवन ने ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह को किया कैंसिल
राष्ट्रपति भवन(Rashtrapati Bhavan) ने देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित रामनाथ कोविंद के स्वागत की तैयारियों के मद्देनजर 22 जुलाई को होने वाले ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह को रद्द कर दिया है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “देश के नए राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई को कार्यभार ग्रहण करने के मद्देनजर आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल की वजह से राष्ट्रपति भवन में शनिवार को ‘चेंज ऑफ गार्ड समारोह’ का आयोजन नहीं किया जाएगा।”
यह 30 मिनट का सैन्य समारोह साल 2007 से हर शनिवार को आयोजित होता रहा है।
इसमें भारतीय सेना का उच्च स्तरीय रेजीमेंट ‘प्रेजीडेंट्स बॉडीगार्ड’ (पीसीबी) हिस्सा लेता है। इस दौरान वे सैन्य ब्रास बैंड ‘मां तुझे सलाम’ की धुन भी बजाते हैं। कार्यक्रम के दौरान नए गार्ड पुराने गार्ड की जगह लेते हैं। इसका समापन राष्ट्रगान की धुन के साथ होता है।
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भारत के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद चुन लिए गए हैं। लुटियंस दिल्ली की सबसे शानदार इमारत की बात ही कुछ और है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के विस्तार की यह इमारत गवाह रही है।
इसमें किसान के बेटे से लेकर, वैज्ञानिक और साधारण परिवार से आए लोग इसके मुखिया रह चुके हैं। राष्ट्रपति भवन परिसर में संग्रहालय, उद्यान, समारोह कक्ष, कर्मचारियों और अंगरक्षकों के लिए अलग से जगह भी निर्धारित है। आजादी से पहले इसे वायसराय हाउस भी कहा जाता था. लेकिन अब यह भारतीय जनतंत्र की सबसे शानदार इमारत है।
आइए आपकों बताते हैं राष्ट्रपति भवन की ये खास बात….
इटली क्यूरनल पैलेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान राष्ट्रपति भवन है। इस इमारत को बनाने में पूरे 17 साल का समय लगा था। 1912 में इसको बनाना शुरू किया गया था और 1929 में इसे ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया गया था। इसको बनाने में 29 हजार मजदूर और कर्मचारी की मेहनत लगी।
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