औरैया में रेप-हत्या के दोषी को फांसी, तीन माह में कोर्ट ने किया फैसले का ऐलान…

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उत्तर प्रदेश में औरैया की जिला कोर्ट ने बुधवार को 8 साल की बच्ची से रेप-हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई. 6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनराज सिंह ने अपने फैसले में कहा ‘‘ पुरुषों की उत्पत्ति ही महिलाओं से होती है, दोषी का कृत्य पशुओं से भी ज्यादा निंदनीय है. उन्होंने ने अपने फैसले में कहा कि दोषी को तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए. तब तक उसकी मौत न हो जाए. लड़कियां यदि खुले में नहीं घूम सकतीं. तो फिर उनके लिए कौन सा स्थान है. जहां वह घूम सकें. भारतीय संस्कृति में स्त्री धर्म की मूल है, स्त्री के साथ ऐसा अपराध किसी भी धर्म व संस्कृति में मान्य नहीं है। इस अपराधी ने मासूम का बचपन में ही जीवन खत्म कर दिया। इसलिए दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाती है।

क्या है पूरा मामला…

दरअसल अयाना थाना क्षेत्र के गांव का है. यहां 24 मार्च को 8 साल की मासूम बच्ची लापता खेत पर पशुओं को चराने गई. देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई. रोते बिलखते परिजन मासूम को इधर से उधर तलाश कर रहे. रात साढ़े 10 बजे तक मासूम की कोई खोज खबर न मिलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी. जिसके बाद एसपी चारू निगम अन्य पुलिस अधिकारियों व कई थानों के फोर्स के साथ गांव पहुंचीं. जिसके बाद मासूम को ढूढ़ने के लिए सभी ने तलाश शुरू की. 25 मार्च शनिवार की दोपहर करीब साढे तीन बजे घर से छह सौ मीटर की दूरी पर गेहूं के खेत में मासूम का शव मिला।

आरोपी ने शराब के नशे में दिया था अंजाम…

पुलिस ने मामले में गांव के कई लोगों से पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक, गांव में एक बारात घर है. वहां लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए. सीसीटीवी में चार से पांच लोग संदिग्ध दिखाई दिए. उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई गौतम सिंह से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने अपना जुर्म कूबूल कर लिया. बताया कि घटना की रात उसने शराब पी रखी थी और बिस्कुट का लालच देकर बच्ची को ले गया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेजकर आठ दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी।

पॉक्सो कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई…

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट में मामले में सुनवाई हुई. तीन महीने में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपित पर दोष सिद्ध कर फैसला सुरक्षित कर लिया था. बुधवार को फांसी की सजा सुना दी. जिला शासकीय अधिवक्ता दंड अभिषेक मिश्रा, विशेष लोक अभियोजक जितेन्द्र सिंह तोमर, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो मृदुल मिश्र व वादी अधिवक्ता हरिशंकर शर्मा ने फांसी की सजा की मांग की थी।

बच्ची के पिता ने क्या कहा…

कोर्ट के आदेश सुनाने के बाद बच्ची केपिता ने कहा, जो भी दोषी हो, उसको ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए। आरोपी को जल्द से जल्द फांसी मिलनी चाहिए. तभी मेरी बेटी को न्याय मिलेगा. किसी भी लड़की से ऐसा काम करने वाले को फांसी ही मिलनी चाहिए।

बच्ची को दिया था बिस्कुट खिलाने का लालच…

पूछताछ में आरोपी ने कबूला किया कि 24 मार्च को वह नहरिया पर बैठकर शराब पी रहा था. उसे बिस्किट खाने का मन हुआ तो पास की दुकान पर गया. वहां से बिस्किट खरीदकर नहरिया पर वापस आ रहा था. तभी रास्ते में बच्ची मिल गई. बच्ची को बिस्कुट खिलाने का लालच देकर उसे अपने साथ गन्ने के खेत में ले गया। उसके साथ रेप किया. किसी को कुछ पता ना चले, इसलिए मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी।

मैं उसकी हत्या नहीं करना चाहता था- आरोपी

आरोपी ने कहा, “अगली सुबह जब उठा तो बच्ची मर चुकी थी. मैंने जान बूझकर नहीं किया. मैं उसकी हत्या नहीं करना चाहता था. मैं बच्ची के घरवालों के आस पास ही रहता था. कि पुलिस वाले क्या कर रहे हैं. सुबह ही बच्ची के शव को गन्ने की खेत से हटाकर पास में ही गड्ढे में दफना दिया था.” पुलिस के मुताबिक, आरोपी के कबूलनामा के बाद उसका डीएनए सैंपलिंग कराया गया. उसकी निशानदेही पर शव को बरामद किया गया था।

औरैया में पहले भी आरोपियों को दी गई फांसी …

साल 1997 में औरैया जिला के गठन के बाद विभिन्न मामलों में कोर्ट ने फांसी की सुनाई है. ये चौथी फांसी की सजा है. सबसे पहले, साल 2007 में फफूंद में हुए तिहरे हत्याकांड के दोषी को एडीजे फास्ट ट्रैक एससी मिश्रा ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद साल 2019 में एकतरफा प्रेम में पागल युवक ने घर में घुसकर किशोरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार ने दोषी को फांसी सजा सुनाई थी।

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