अयोध्या में फाइनल हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख…

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अयोध्या के रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की तरफ से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में रामलला की प्राण – प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को किया जाना तय बताया गयाजानकारी दी गई कि कार्य़क्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी विशेष अतिथि होंगे। साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत यूपी के सीएम योगी, राज्यपाल प्रोटोकाल शिष्टाचार के तहत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगें. इस कार्यक्रम में देश के दिग्गज और सम्मानित व्यक्तियों को न्योता भी भेजा जाएगा. इसी क्रम में राम मंदिर ट्रस्ट से चार सदस्यीय टीम ने प्रधानमंत्री को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक शिष्टाचार बैठक के लिए आमंत्रित किया. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के सभी पूजा पद्धति के लगभग चार हजार संत शामिल होंगे.

संत समाज के अलावा भी 2500 विशेष लोगों को भी आमंत्रण भेजा जाएगा. इनमें देश के प्रमुख वैज्ञानिक, कलाकार, परमवीर चक्र से सम्मानित , शहीद कारसेवकों के परिवार के सदस्य शामिल रहेंगे. प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि राम जन्मभूमि परिसर में बैठने के लिए एक सीमा की गई है. प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले हर व्यक्ति को आधारकार्ड लाना अनिवार्य है। वाराणसी के लक्ष्मी कांत दीक्षित प्राण प्रतिष्ठा पूजन करेंगे. यह पूजन कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 12:45 बजे से प्रारंभ होगा.

नरेंद्र मोदी यजमान के तौर पर होंगे शामिल

प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान के तौर पर शामिल होंगे.वह यजमान के तौर पर सभी कार्यों को संपादित करेंगे. साथ ही पूजा का संकल्प लेंगे. निर्णय लिया गया है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले नव निर्मित गर्भगृह में एक “अक्षत पूजन” होगा. इससे रामभक्तों को अक्षत भेजकर आमंत्रित किया जाएगा.

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सभी मतों के संत अपनी पद्धति के अनुसार करेंगे पाठ

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक बैठक का आयोजन किया, इस बैठक में श्री राम ट्रस्ट से जुड़े संत शामिल हुए. इसमें वैष्णव, शैव और शाक्त धर्मों के संत शामिल थे. प्राण प्रतिष्ठा पूजन को सभी ने अपनी राय दी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा-कर्मकांड वैष्णव मत के अनुसार होगी. हालांकि पूजा के आयोजन में पाठ सभी मतों के संत अपनी पद्धति के अनुसार पाठ करेंगे.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “राम की प्राण प्रतिष्ठा पूजा में जलाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास, औषधि अधिवास जैसी पूजा परम्पराओं निर्वाह होगी.” वैदिक मत और कर्मकांड की विशिष्ट परम्परा के अनुसार, ये चरण देव प्रतिमा या विग्रह को स्थापित करने के लिए होते हैं. उन्होंने प्राणप्रतिष्ठा की पूजा के बाबत कहा कि राम धर्म का मूर्त रूप हैं. पूजा के दौरान हर मंत्र राम से जुड़ा होगा. जैसे, “देवस्य” प्राण प्रतिष्ठा है, और “रामस्य” प्राण प्रतिष्ठा है.

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