सरकार किसी को राष्ट्रपुरुष कहकर सम्मान दे और विपक्ष को गुस्सा आ जाए, यह नजारा गुरुवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में देखने को मिला। मामला पतंजलि वाले रामदेव का है। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार पतंजलि पर किस तरह से मेहरबानी कर रही है, यह मुद्दा विधान परिषद में कांग्रेस के संजय दत्त ने उठाया था। संजय दत्त सरकार से जानना चाहते थे।
यह सुविधा दूसरी कंपनियों को क्यों नहीं है?
कि सरकार के वेब पोर्टल ‘आपले सरकार’ सेवा केंद्र पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पाद क्यों बेचे जा रहे हैं? वह जानना चाहते थे कि आखिर सरकार एक निजी कंपनी के उत्पाद को अपने पोर्टल पर कैसे जारी कर सकती है? यह सुविधा दूसरी कंपनियों को क्यों नहीं है?
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इसके बाद उन्होंने मिहान में रामदेव की कंपनी को कौड़ियों के भाव दी गई जमीन का भी उल्लेख किया। इसका जवाब देने के लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट जब खड़े हुए, तो उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने योग के क्षेत्र में देश का नाम रोशन किया है। वे राष्ट्रपुरुष हैं। योग और स्वदेशी उत्पादनों को लेकर क्रांति लाने वाले बाबा रामदेव पर विपक्ष का इस प्रकार टीका-टिपण्णी करना उचित नहीं है।
कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी
बापट के जवाब से विपक्ष आग बबूला हो गया। विपक्ष का कहना था कि रामदेव को राष्ट्रपुरुष बताना सच्चे राष्ट्रपुरुषों का अपमान है। इसके बाद विपक्ष सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। विपक्ष को जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष के लोग भी खड़े हो गए। सदन में हंगामा बढ़ते देख सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
NBT
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