Lucknow ke Raam: लखनऊ का वह स्थान जहां से मिटा दिया गया राम का नाम

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Lucknow ke Raam: प्रभु श्रीराम कण – कण में विद्यमान हैं और जिस शहर का नाम ही प्रभु श्रीराम के लाडले भाई लक्ष्मण के नाम पर पड़ा हो वो शहर प्रभु राम से कैसे अनभिज्ञ रह सकता है. लखनऊ के कई स्थानों के नाम और अस्तित्व प्रभु श्रीराम से जुड़ा हुआ है. इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे लखनऊ एक ऐसे स्थान की जिसका प्रभुराम से जुड़ा तो था लेकिन उस स्थान से प्रभु राम का नाम मिटा दिया गया, वह स्थान है पुराने लखनऊ में स्थित लक्ष्मण टीला जहां पर वर्तमान समय में टीले वाली मस्जिद मौजूद है. ऐसे में आज में लक्ष्मण टीले के इतिहास के पन्ने को पलटेंगे और जानेंगे इसका पूरा इतिहास….

प्रभु राम से कैसे जुड़ा है टीले वाला मस्जिद का इतिहास

लखनऊ इतिहास के पन्नो को पलटे तो मालूम होता है कि पूरे लखनऊ शहर को भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बसाया था. क्योंकि उत्तर भारत में लक्ष्मण लखन भी कहकर पुकारा जाता था. इसलिए इसका लखनऊ का नाम पुराने समय में लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना जाता था, जो बाद में बदलकर लखनऊ हो गया था.

 

इसके आगे बताते हैं कि लखनऊ के पुराने भाग में एक ऊंचा ढूह हुआ करता था जहां लक्ष्मण जी का प्राचीन मंदिर था. इसीलिए इस स्थान को लक्ष्मणटीले के नाम से जाना जाता था. यहां पर दूर – दूर से भक्त पूजा अर्चना के लिए पहुंचा करते थे. इसके पश्चात जब भारत में मुगल शासकों का राज हुआ तो उन्होंने देश से हिन्दुओं का अस्तित्व खत्म करने के लिए हिन्दू देवी – देवताओं को मंदिरों को तुड़वाना शुरू कर दिया. इसी के चलते लखनपुर पर शासन करने वाले मुगल शासक औरंगजेब ने लक्ष्मण टीले पर स्थित मंदिर को तुड़वाकर वहां पर मस्जिद बनवा दी. इसे वर्तमान समय में ऊंचे टीले वाले मस्जिद के नाम से जाना जाता है. बताते हैं कि इस मस्जिद से पुरात्वितक खुदाई में लक्ष्मण मंदिर के अवशेष भी मिले थे.

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कोर्ट में तारीखें बदल रहा है लक्ष्मणटीला विवाद

यूपी के काशी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे और मथुरी में कृष्ण जन्मभूमि – शाही ईदगाह मस्जिद का मामला की तर्ज पर लखनऊ में टीले वाली मस्जिद को लेकर भी मामला गर्माया है. इस मस्जिद के नीचे लक्ष्मण टीला होने का दावा करते हुए हिंदूवादी संगठनों याचिका दायर की है. इतना ही नहीं हिंदू संगठनों ने टीले वाले मस्जिद के सामने प्रतिमा लगाने की भी मांग उठाई थी. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ और पदयात्रा करने की बात भी कही गई थी .

हालांकि, हिंदू महासभा की राज्य इकाई के अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मस्जिद तक पदयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं मस्जिद के इमाम सैयद फजलुल मन्नान ने चेतावनी दी कि मुस्लिम पक्ष इस पदयात्रा का विरोध करेगा. हिंदू महासभा के सैकड़ों सदस्यों ने ऋषि त्रिवेदी की गिरफ्तारी के बाद थाने का घेराव किया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की थी. उम्मीद है कि, आने वाले समय में राम मंदिर की तरह ही लक्ष्मण टीले पर भी एक बार फिर लक्ष्मण का मंदिर स्थापित होगा.

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