Ram Mandir Pran Pratistha: औषधीय जल से रामलला की मूर्ति को कराया जाएगा स्नान

प्राण - प्रतिष्ठा में अब सिर्फ एक दिन शेष

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Ram Mandir Pran Pratistha:  22 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए बेहद मंगलकारी और भावुक कर देने वाला होने वाला है, क्योकि, इस दिन प्रभु राम पांच सौ साल की जंग के बाद अपनी जन्म स्थली अयोध्या में एक बार फिर विराजमान होने वाले है. इस शुभ अवसर पर प्रभु राम के नवनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन किया जाना है. इससे पहले पांच दिनों तक वैदिक अनुष्ठानों को किया गया है. आज अनुष्ठान का तीसरा दिन है और आज ट्रस्ट की तरफ से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि, रविवार को 114 कलशों के विभिन्न औषधीय जल से मूर्ति को स्नान कराया जाना है.

आपको बता दें कि, भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण – प्रतिष्ठा हेतु सात दिवसीय अनुष्ठान किए जा रहे है. इसी कड़ी में रामलला की प्राम – प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास शर्कराधिवास और फलाधिवास किए गए. पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण 20 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से हो रहा है, जो 21 जनवरी की रात 03 बजकर 09 मिनट तक है, रवि योग में शुभ कार्य कर सकते है.

पांच दिनों में ये अनुष्ठान हुए संपन्र

पांच दिनों से चल रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठान के में पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास अनुष्ठान संपन्न हो गए है. इसके साथ ही 20 जनवरी को दैनिक पूजा अर्चना, हवन आदि किया गया था. साथ ही चीनी फलों से अनुष्ठान भी किया गय़ा था, वही मंदिर प्रांगण में 81 कलश स्थापित कर पूजा – अर्चना की गई है. शाम को पूजा और आरती भी हुई. बता दें कि, शुक्रवार को प्रसिद्ध मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज द्वारा बनाई गई श्री रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुई रामलला की तस्वीर

हालांकि, राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही भगवान राम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा है कि, ”भगवान की आंखें कपड़े के पीछे छिपी हुई हैं क्योंकि उन्हें ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले किसी को नहीं दिखाया जा किया जा सकता है। हालाँकि, खुली आँखों वाली मूर्ति की कई कथित तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं”

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आचार्य सत्येन्द्र दास ने कही ये बात

आचार्य सत्येन्द्र दास ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि, ”हमारी मान्यताओं के अनुसार, ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के पूरा होने से पहले मूर्ति की आँखें प्रकट नहीं की जा सकतीं. अगर वायरल तस्वीरों में मूर्ति असली है, तो इसकी जांच होनी चाहिए कि किसने आंखें दिखाईं और तस्वीरें लीक कीं गयी. उन्होंने कहा कि सभी प्रक्रियाएं और अनुष्ठान हमारे शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा होने तक रामलला की आंखें प्रकट नहीं की जाएंगी”

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