पुलिस पर एक और दाग : कांस्टेबल ने नाबालिग छात्र को भेजे अश्लील मैसेज व वीडियो, निलंबित
डीएसपी हीरालाल सैनी और जयपुर कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल के अश्लील वीडियो का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक कांस्टेबल द्वारा कॉलेज के नाबालिग छात्रों को वाट्सएप पर अश्लील संदेश और वीडियो भेजने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि कांस्टेबल ने छात्रों पर मानसिक दबाव बनाया और वाट्सएप पर स्वयं के अश्लील फोटो एवं संदेश भेजे। छात्रों को अपने मकान पर बुलाने के लिए भी दबाव डाला गया। कांस्टेबल अजमेर जिले के ही पीसांगन पुलिस स्टेशन पर तैनात था।
छात्रों का आरोप है कि 22 दिसंबर 2020 को भी पुलिस स्टेशन पर लिखित में शिकायत दी थी। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई नहीं होने के कारण ही आरोपित सिपाही छात्रों को ज्यादा तंग करने लगा। 20 सितंबर को पंचायत समिति सदस्य प्रदीप कुमावत ने छात्रों की ओर से एक शिकायत अजमेर ग्रामीण क्षेत्र के डीएसपी अमित मेहरड़ा को दी। इस शिकायत में वो वाट्सएप चेट और अश्लील वीडियो भी दिया जो कांस्टेबल ने छात्रों को भेजे थे।
कांस्टेबल पर मुकदमा दर्ज-
जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश शर्मा ने पुलिस की छवि से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लिया और रात को ही कांस्टेबल के विरुद्ध आईटी और पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपित कांस्टेबल विक्रम सिंह शेखावत को सस्पेंड करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। एसपी ने बताया कि दर्ज मुकदमे की जांच नसीराबाद के थानाधिकारी से करवाई जाएगी। पूर्व में दी गई शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के मामले की जांच आईपीएस डीएसपी ग्रामीण, अमित मेहरड़ा को दी गई है।
इस संबंध में पीसांगन की थानाधिकारी प्रीति रत्नु का कहना है कि उनके पास छात्रों की शिकायत नहीं आई। यदि शिकायत आती तो वे तत्काल कार्रवाई करतीं। एसपी जगदीश शर्मा ने माना कि अपराध एक व्यक्ति करता है, लेकिन छवि पूरे महकमे की खराब होती है। उन्होंने कहा कि आरोपित कांस्टेबल की गिरफ्तारी की जाएगी। इस मामले में दोषी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस की छवि खराब
पीसांगन के एक कांस्टेबल द्वारा नाबालिग छात्रों को अश्लील संदेश और वीडियो भेजने से एक बार फिर राजस्थान पुलिस की छवि खराब हो रही है। पिछले दिनों ही ब्यावर के डीएसपी हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस की छवि देशभर में खराब हुई।
अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक कांस्टेबल का मामला उजागर हो गया। ब्यावर वाले प्रकरण में डीएसपी हीरालाल सैनी और महिला कांस्टेबल की बर्खास्तगी की कार्यवाही अंतिम चरण में है। जयपुर की विशेष अदालत ने 20 सितंबर को ही दोनों आरोपितों को जेल भेजा है।
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