इजरायल में मौत से बचकर वाराणसी लौटा राहुल, आपरेशन अजय से मिली जिंदगी

0

वाराणसी : इजरायल और फिलिस्तीन की छिड़ी जंग के बीच पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कबीर नगर के रहने वाले छात्र राहुल सिंह मौत से बचकर सकुशल अपने घर लौट आए है। इसके चलते उनके घर दीपावली से पहले से खुशियों के दीप जल उठे हैं। राहुल ने साल 2022 से इजरायल के हिब्रू यूनिवर्सिटी में फार्मेसी में पीएचडी कर रहे थे। इजरायल और फिलीस्तीन के बीच अचानक छिड़ी इस जंग में राहुल भी फंस गए थे।

हास्टल से भारत लौटना थी चुनौती

राहुल के अनुसार इस जंग ने उनके संग अन्य भारतीय छात्रों की नींदे उड़ा दी। पढ़ाई छूटने का डर की बजाय अब जान बचाने की बात सामने आ गई थी।हमारे सामने इजरायल से भारत लौटना सबसे बड़ी चुनौती थी। उधर इजरायल का भयावह माहौल को देखकर हमने सारी उम्मीदें छोड़ दी थी। इस बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए जो प्रयास किया उसके तहत 7 अक्टूबर को हमारी फ्लाइट यरुशलम से भारत की थी लेकिन युद्ध की भयावता को देख फ्लाइट कैंसिल कर दी गई। इस दौरान हिब्रू यूनिवर्सिटी के बाहर लगा सायरन एकबारगी बजा तो सारे क्षेत्र में दहशत फ़ैल गई। मिसाइल कहां गिरेगी और उसका क्या रूप होगा के बारे में डर और दहशत के मारे सारे छात्रों का बुरा हाल था। उसी दौरान हास्टल के बाहर शुरू हुई बमबारी के चलते चारों तरफ धुएं का गुब्बार फैल गया था ।

PMO से लगाई गुहार आई काम

राहुल के अनुसार वीकेंड के दिन हुई बमबारी के बीच हॉस्टल में एनाउंसमेंट किया कि कोई भी परिसर से बाहर ना निकले। इसके बाद हमलोगों ने पीएमओ को सारी स्थिति से अवगत कराते हुए गुहार लगाई।राहुल के बड़े भाई आशुतोष सिंह ने कहा कि 7 अक्टूबर को हम लोग राहुल के आने का इंतजार कर रहे थे। फ्लाइट कैंसिल की सूचना के बाद 9 अक्टूबर को राहुल से संपर्क भी टूट गया। इसके बाद पिताजी के साथ मैं वाराणसी के PMO ऑफिस पहुंचा।PMO कार्यालय की पहल से गाजा स्ट्रिप के बॉर्डर वाले इलाकों में फंसे लोगों को सबसे पहले निकाला गया।

also read : राष्ट्रीय हिन्दू दल ने इजरायली दूतावास को भेजा पत्र, कहा – इजरायल हमें भी लड़ाई में शामिल करें

आधे घंटे तक गले में अटकी रहीं सांस

राहुल सिंह के अनुसार इस बीच आपरेशन अजय के तहत हमलोगों का दल हिब्रू यूनिवर्सिटी से तेल अबीब एयरपोर्ट के लिए निकलना था। यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट की दूरी आधे घंटे की थी लेकिन ये आधा घंटा हमलोगों के जीवन का मौत से संघर्ष की तरकह था। एक तरफ हमास के आतंकी सड़कों पर तांडव मचा रहे थे। ये जगह जगह कत्लेआम मचा रहे थे। इस तरह का मंजर देख कलेजा मुंह को आ जा रहा था।

बीच-बीच में धमाके और सायरन की आवाज के बाच जैसे ही हम एयरपोर्ट पहुंचे वहां सायरन बजने लगा। यह सुनकर हम सभी जमीन पर लेट गए और रेंगते हुए सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए। लगभग 200 मीटर तक हम जमीन पर रेंगते हुए किसी तरह शेल्टर होम पहुंचे। वहां से इजराइली सेना ने हमें तत्काल रनवे तक पहुंचाया। रनवे पर फ्लाइट से आनन फानन में 200 भारतीयों को रवाना किया गया। हवा में जैसे से जहाज ने रफ्तार पकड़ी हमने चैन की सांस ली।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More