जैक डोर्सी  की Twitter Files पर सियासी जंग! राकेश टिकैत व कपिल सिब्बल ने डोर्सी के आरोपों को बताया सही

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सोशल मीडिया पर ट्वीटर फाइल्स का मामला अब सियासी जंग का रूप ले चुका है। ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के भारत सरकार पर लगाए गए आरोप पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों में बयानबाजी शुरू हो गई है। जैक डोर्सी के आरोपों का समर्थन करते हुए किसना नेता राकेश टिकैत और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार को घेरा है। जैक डोर्सी द्वारा सरकार पर आरोप लगाया गया है कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर के तत्कालीन कर्मियों पर छापा मारने की धमकी दी थी। साथ ही ट्विटर पर सरकार के खिलाफ हो रहें विरोध प्रदर्शन के मुद्दों को रोकने का भी दबाव बनाया था।

कपिल सिब्बल ने किया दावे का खुलासा

ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के भारत के ‘दबाव’ वाले दावे को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सही ठहराया है। कपिल सिब्बल ने एएनआई को बताया है, ‘सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा कि जैक डोर्सी ऐसा बयान क्यों देंगे? राजीव चंद्रशेखर कहते हैं कि यह झूठ है वह झूठ क्यों बोलेगा? जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है कि जब विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो उन्होंने ट्विटर को धमकी दी थी कि वे अपने कार्यालयों को बंद कर देंगे और ट्विटर के तत्कालीन कर्मचारियों पर छापा मारेंगे। इसके लिए हर कारण है दूसरे लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’

राकेश टिकैट ने डोर्सी को बताया सही

इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने भी पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के दावे को सही बताया है। राकेश टिकैट ने मीडिया से कहा है, ‘सरकार ट्वीटर पर किसान आंदोलन के मुद्दों को रोकने का प्रयास कर रही थी। उस समय हमें भी जानकारी थी कि किसान आंदोलन की जितनी पहुंच फेसबुक और ट्वीटर पर आनी चाहिए वो नहीं आ रही थी। अब इसकी पुष्टि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने भी कर दी है। जैक डोर्सी सही है।’

क्या है जैक डोर्सी का आरोप

दरअसल, जैक डोर्सी का कहना है कि कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में हुए विरोध प्रदर्शन के समय सरकार ने आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे। डोर्सी ने दावा किया कि भारत सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाया गया और ट्विटर को भारत में बंद करने की भी धमकी दी गई।

सरकार ने डोर्सी के आरोपों को बताया झूठा

वहीं भारत सरकार ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए झूठा बताया है। इस पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर आरोपों को गलत बताते हुए फैक्ट कॉपी दी है। उन्होंने बताया कि डॉर्सी और उनकी टीम द्वारा बार-बार भारत के कानून का लगातार उल्लंघन हो रहा था। जैक डोर्सी द्वारा 2020 से 2022 तक बार-बार नियमों में बदलाव किया जा रहा था। जून 2022 में उन्होंने फाइनली पूरी तरह कंपाइल किया था। वहीं जेल जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री राजीव ने कहा कि कोई जेल नहीं गया था और न ही ट्विटर “शटडाउन” हुआ था। जैक डोर्सी के ये सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी 2021 में प्रोटेस्ट के दौरान, बहुत सारी गलत इन्फॉर्मेशन और यहां तक कि गैनोसाईड की रिपोर्ट्स भी आई थी जो सरासर नकली थीं।

इंटरव्यू में जैक डोर्सी ने खोली थी ट्विटर फाइल्स

बता दें, एक यूट्यूब चैनल ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स’ ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी का इंटरव्यू किया था। इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए। इन्हीं सवालों में एक सवाल ये था कि क्या कभी किसी सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई? इसके जवाब में डोर्सी ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ और डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया। डोर्सी ने कहा कि ‘सरकार की तरफ से उनके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की बात कही गई। साथ ही नियमों का पालन नहीं करने पर ऑफिस बंद करने की भी धमकी दी गई। डोर्सी ने कहा कि यह सब भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हुआ’। इतना ही नहीं डोर्सी ने इसी तरह तुर्किए का भी उदाहरण दिया और बताया कि वहां भी सरकार की तरफ से ट्विटर को उनके देश में बंद करने की धमकी दी गई थी।

कृषि आंदोलन से जुड़ा है ट्विटर फाइल्स

दरसअल, नवंबर 2020 में भारत सरकार ने देश में तीन कृषि कानून लागू किए थे। हालांकि कानून लागू होने के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया था और एक साल तक देशभर में जगह जगह विरोध प्रदर्शन, धरने हुए। आखिरकार एक साल बाद यानी कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया पर सरकार को खूब आलोचना झेलनी पड़ी थी।

 

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