‘पीएम हर दिन पूर्व पीएम का अपमान करते हैं, मैंने पीएम का अपमान नहीं किया’
सदन में गुरुवार का दिन काफी हंगामा भरा रहा। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के साथ लोकसभा की कार्यवाही जारी रही। एक के बाद एक बड़े दिग्गज नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विचार दिए। मगर विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को ही केवल पीएम मोदी के भाषण का इंतजार था, जो कल पूरा हो गया। हालांकि पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते समय केवल कांग्रेस को ही इंगित किया। जिसपर विपक्ष बीच कार्यवाही से ही लोकसभा से वाॉकआउट कर गया। विपक्ष को मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी का जवाब सुनना था, जो नहीं मिला। इस बाबत, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर कई टिप्पणियां की, जिसके चलते उन्हें लोकसभा की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन कार्यवाही से निलंबित
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा की कार्यवाही से तब तक सस्पेंड रहेंगे, जब तक मामला प्रिविलेज कमेटी के पास लंबित है। जब तक मामले की जांच रिपोर्ट आती है, तब तक वे सदन से सस्पेंड रहेंगे। इससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फ्लाइंग किस पर स्मृति ईरानी ने खूब घमासान मचाया था। भाजपा महिला सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष से लिखित शिकायत भी की थी। वहीं लोकसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन होने से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिर गया है।
निलंबन पर सोनिया गांधी ने की बैठक
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सांसदों की बैठक बुलाई है। आज सुबह सुबह पार्टी के लोकसभा सांसदों की बैठक हुई। यह बैठक शुक्रवार सुबह 10:30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में शुरु हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार शाम को लोकसभा में अधीर चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री बोलते हैं या बहस चल रही होती है तो वह सदन में बाधा डालते हैं। यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित भी हो गया।
अधीर ने पीएम को क्या कहा था…
अब आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर गुरुवार को लोकसभा में क्या हुआ था। अविश्वास प्रस्ताव पर जब पीएम मोदी ने बोलना शुरू किया, तो सबकी नजरें पीएम मोदी पर ही थी। क्योंकि काफी समय से विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी से सवाल पूछ रहा था। विपक्ष को उम्मीद थी कि गुरुवार को पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जब बोलेंगे तो मणिपुर का जिक्र जरूर करेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, पीएम मोदी देश के विकास और विदेशी दौरे से बाहर हीं निकले। इस बीच पीएम मोदी ने कई बार कांग्रेस का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों को भी निशाना बनाया। जिसके बाद बहस के दौरान पीएम मोदी के उपर अधीर रंजन चौधरी ने कुछ टिप्पणियां की जिससे सत्ता पक्ष ने नाराजगी जताई। इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही से निलंबित कर दिया। आखिर में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने केंद्र का प्रस्ताव पेश कर दिया।
भगवाकरण का होना चाहिए भारत छोड़ो आंदोलन
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि अब ध्रुवीकरण, सांप्रदायिकरण और भगवाकरण को भारत छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी के 100 बार प्रधानमंत्री बनने की चिंता नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को इस देश के लोगों की चिंता है। 1942 में महात्मा गांधी के शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए रंजन ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन होना चाहिए, सांप्रदायिकता छोड़ना चाहिए, ध्रुवीकरण छोड़ना चाहिए और भगवाकरण छोड़ना चाहिए।
पीएम को नहीं, दरबारियों को लगा बुरा
लोकसभा से अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘नीरव’ का मतलब चुप रहना है और उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करना नहीं था। अब उनके निलंबन की विशेषाधिकार समिति जांच करेगी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह ‘नीरव’ बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना। नीरव का मतलब है चुप रहना। मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था। पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान हुआ है, उनके दरबारियों को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया। मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया है।”
पीएम मोदी रोज करते हैं पूर्व पीएम का अपमान
सांसद अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी हर दिन जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी का अपमान करते हैं और यह रिकॉर्ड में है। उन्होंने कहा, “अगर पीएम मोदी सौ बार भी प्रधानमंत्री बनें तो भी हमें कोई आपत्ति नहीं है। मैं सजा भुगतने के लिए तैयार हूं लेकिन सब कुछ रिकॉर्ड पर है और देश के नागरिकों को पता होना चाहिए कि पीएम का अपमान करने का कोई प्रयास नहीं किया गया था।”
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