प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ की सीबीआई जांच कराने और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी ठोस शोध के केवल अखबार और पत्रिकाओं की खबरों के आधार पर याचिका दायर की है.
कोर्ट की अहम टिप्पणी
याचिका में महाकुंभ भगदड़ में अनियमितताओं की जांच की मांग की गई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि रिपोर्ट किससे मंगाई जाए.
याचिका में ऐसा कोई अतिरिक्त तथ्य नहीं था जो सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के दायरे से बाहर हो.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अखबार की कटिंग के आधार पर याचिका दायर नहीं की जा सकती.
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आर्थिक अपराध मामलों में हाई कोर्ट की नाराजगी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की लंबी खींची जा रही विवेचना पर नाराजगी जताई है. मुख्य सचिव और डीजीपी से इस संबंध में जानकारी मांगी गई है. न्यायमूर्ति समित गोपाल ने जौनपुर के जलालपुर थाने में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि विवेचना की मॉनीटरिंग का कोई स्पष्ट सिस्टम नहीं है.
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सेवानिवृत्त जवानों को वार्षिक वेतन वृद्धि का अधिकार
हाई कोर्ट ने 30 जून को सेवानिवृत्त आरपीएफ जवानों को 1 जुलाई की वार्षिक वेतन वृद्धि का अधिकारी माना है. कोर्ट ने 12 सेवानिवृत्त कर्मियों को यह वृद्धि देते हुए तीन महीने के भीतर बकाया और पुनरीक्षित पेंशन भुगतान का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आरके प्रसाद और 11 अन्य की याचिका स्वीकार करते हुए दिया.