PCS परीक्षा देने के मौके घटेंगे, अब सिर्फ ऐसे उम्मीदवार ही दे सकेंगे एग्जाम
आधी-अधूरी तैयारी के साथ हर साल किस्मत आजमाने वाले अभ्यार्थियों के लिए प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) परीक्षा के दरवाजे बंद होने वाले हैं। योग्य अभ्यर्थियों की व्यवस्थित परीक्षा कराने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) अधिकतम आयु सीमा को घटाकर पीसीएस परीक्षा देने के अवसरों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर सीमित करने जा रहा है।
वर्तमान व्यवस्था में यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस के पदों के लिए कराई जाने वाली सबसे अहम परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यार्थियों के लिए न्यूनतम आयु सीमा जहां 21 वर्ष है। वहीं सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 व ओबीसी सहित अन्य आरक्षित वर्ग, भूतपूर्व सैनिक के लिए 45 वर्ष है। सरकारी सेवा में नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष में छूट है जिससे वे भी 45 वर्ष तक परीक्षा दे सकते हैं। दिव्यांगों के लिए 55 वर्ष की आयु सीमा है।
इस तरह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को पीसीएस की परीक्षा में भाग लेने के 20 अवसर तक मिल सकते हैं। वहीं आरक्षित वर्ग को 25 और दिव्यांग 40 बार तक परीक्षा में भाग ले सकते है। इतने अधिक अवसर मिलने के कारण कई बार बिना पूरी तैयारी के भी अभ्यर्थी, सफलता की आस में परीक्षा में बैठ जाते है। पीसीएस परीक्षा में अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में जहां तकरीबन 4.36 लाख आवेदन किए गए वहीं 2017 में 4.55 लाख, 2018 में 6.36 लाख ने फार्म भरे।
बदलाव पर विचार
सूत्रों के मुताबिक यूपीपीएससी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने पर विचार कर रही है। अयोग का मानना है कि यूपीएससी द्वारा अखिल भारतीय स्तर की सिविल सेवा परीक्षा के लिए लागू व्यवस्था ही उचित है। आइएएस परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु तो 21 वर्ष ही है लेकिन सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम आयु की सीमा 32 साल होने के साथ ही अवसरों की संख्या छह ही है।
ओबीसी के लिए 35 वर्ष व नौ अवसर यानि 14 साल में नौ अवसर तय हैं। एससी व एसटी के लिए आयु की बाध्यता नहीं है। वहीं जम्मू-कश्मीर के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की जबकि दिव्यांगों को 10 साल की छूट है।
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