स्कूल में क्रिसमस कार्यक्रम में बच्चों को शामिल करने से पहले अभिभावक की मंजूरी जरूरी

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मध्यप्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक विवादित आदेश में क्रिसमस को लेकर एडवायजरी जारी की है. इस आदेश में साफ कहा गया है कि बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के बच्चे इसका हिस्सा नहीं हो सकते हैं.

मध्यप्रदेश में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के लाउडस्पीकर वाले आदेश की गर्मी अभी शांत भी नहीं हो पाई थी कि एक और विवादित आदेश जारी हो गया. इस आदेश में स्कूलों को सीधी चेतावनी दी गई है. आदेश में साफ कहा गया है कि अगर स्कूल में क्रिसमस का आयोजन किया जाय और उसमें बच्चों को शामिल करना हो तो अभिभावक की लिखित अनुमति जरूरी होगी.

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आदेश का पालन नही हुआ तो होगी संचालक व प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई

प्रदेश में इससे पहले किसी भी त्योहार को लेकर स्कूलों के पास कभी कोई एडवायजरी जारी नहीं की गई थी. आदेश में स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सीधी कार्रवाई स्कूल संचालक और प्रिंसिपल के खिलाफ होगी. साथ ही यह भी कहा गया कि स्कूल इस सर्कुलर के बारे में अभिभावकों को सूचित करे. स्कूलों से कहा गया है कि यदि इस सम्बंध में शिकायतें मिलती है तो आपके संगठन के खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि इस तरह के आदेश से स्कूलों में क्रिसमस कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने जैसा कुछ है. यह सर्कुलर आने वाले त्योहारी सीज़न के दौरान स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. पहले ऐसी कई शिकायतें आई थीं, इसमें अभिभावक कह चुके हैं कि उनकी सहमति के बगैर बच्चों को स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है. सर्कुलर का उद्देश्य इस तरह की घटनाओं को रोकना है.

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