पनामा पेपर मामले में नवाज को मिल सकता है बड़ा झटका

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पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पनामा पेपर मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संलिप्तता की जांच के लिए एक संयुक्त जांच टीम गठित करने का आदेश दिया। न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने शरीफ और उनके परिवार को लेकर यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो मामले की जांच करने में नाकाम रहे हैं। शरीफ को जांच टीम के समक्ष पेश होने और टीम को 60 दिनों के भीतर मामले में अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।

पांच न्यायाधीशों की सदस्यता वाली पीठ ने शरीफ और उनके परिवार पर कर मामले में पनाह देने वाले देशों में कंपनियां खड़ी करने के आरोपों से जुड़े विभिन्न तर्क सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।

क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने कथित धन शोधन मामले में शरीफ के परिवार के खिलाफ याचिका दायर की है।

खान का आरोप है कि शरीफ ने पांच अप्रैल के अपने संबोधन में और पिछले साल 16 मई को नेशनल असेंबली में यह कहकर देश को धोखा दिया कि उन्होंने और उनके परिवार ने 1990 के दशक में लंदन में संपत्ति खरीदने के लिए धनशोधन नहीं किया था।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल पाकिस्तान में होने वाले चुनाव को देखते हुए शरीफ और उनकी पीएमएल-एन पार्टी के लिए यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार सत्तारूढ़ पीएमएल-एन खेमा न्यायालय के फैसले को लेकर चिंतित था और पार्टी के दिग्गजों ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के संभावित फैसले को लेकर चर्चा की थी। हालांकि फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी मरियम नवाज ने कहा था कि उनके पिता इसे लेकर चिंतित नहीं हैं।

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