बनारस आ रही राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी, करेंगे जनसभा
विशाल रैली के आयोजन को लेकर कांग्रेस व सपा ने शुरू कर दी तैयारी
पूर्वांचल में चुनावी घमासान शुरू हो गया है. घमासान के केंद्र में वाराणसी संसदीय सीट है, क्योंकि इस सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव मैदान में तीसरी बार उतरे हैं. यहां हुए राजनीतिक इवेंट का पूरे देश में संदेश जा रहा है. इसे देखते हुए इंडी गठबंधन ने भी तैयारी तेज कर दी है. जहां 25 मई को कांग्रेस की महासचिव पिय्रंका गांधी वाड्रा व सपा की सांसद डिंपल यादव का रोड शो होने जा रहा है तो वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जनसभा आयोजित करने की तैयारी भी हो रही है.
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इन द्वय नेताओं की विशाल रैली के लिए स्थानीय कांग्रेस व सपा के पदाधिकारी तैयारी में जुट गए हैं. 28 मई की तिथि प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा जनसभा के लिए तीन से चार स्थानों का भी प्रस्ताव भेजा गया है. बता दें कि वाराणसी जनपद से तीन संसदीय क्षेत्र जुड़े हैं. वाराणसी के अलावा चंदौली व जौनपुर के मछली शहर की लोकसभा सीट का आंशिक क्षेत्र भी शामिल है. चुनाव आयोग के परिसीमन के अनुसार वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में जिले का पांच विधानसभा क्षेत्र कैंटोमेंट, शहर दक्षिणी, शहर उत्तिरी, सेवापुरी व रोहनिया आता है. वहीं, चंदौली संसदीय क्षेत्र में जिले की दो विधानसभा क्षेत्र शिवपुर व अजगरा आती है. ऐसे ही जौनपुर के मछली शहर लोकसभा क्षेत्र में जिले का एक विधानसभा क्षेत्र पिंडरा आता है.
एक रैली से तीन लोकसभा सीट को साधने की रणनीति
इंडी गठबंधन की तैयारी के अनुसार राहुल गांधी व अखिलेश यादव की रैली ऐसी जगह कराने की योजना है जिससे वाराणसी के अलावा चंदौली व मछली शहर लोकसभा सीट को भी प्रभावित किया जा सके. इसके लिए पूरा अनुमान है कि बाबतपुर इलाके में रैली आयोजित हो सकती है. हालांकि, शिवपुर विस क्षेत्र को भी चिन्हित किया गया है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में भी जनसभा आयोजित करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
मछली शहर व चंदौली में कड़ी टक्कर, बनारस में भी भाजपा को चुनौती
इंडी गठबंधन की रणनीति बन गई है. मछली शहर व चंदौली संसदीय सीट सपा के खाते में गई है जबकि वाराणसी संसदीय सीट कांग्रेस के पास है. मछली शहर व चंदौली में सपा के प्रत्याशी भाजपा को कड़ी टक्ककर दे रहे हैं जबकि बनारस में कांग्रेस के प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भाजपा के लिए चुनौती बन गए हैं. इसे देखते हुए एक ही रैली से तीनों लोकसभा सीटों पर प्रभाव डालने के लिए इंडी गठबंधन की ओर से योजना तैयार की जा रही है.