लापता छात्रों को ढ़ढने में जुटी योगी सरकार, आखिर क्या है मामला

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यूपी बोर्ड (board exam) की परीक्षा संपन्न हो चुकी है। इस बार की परीक्षा में रिकॉर्ड 11 लाख 20 हजार से ज्यादा छात्रों ने एग्जाम छोड़ दिया। परीक्षा छोड़ने की इस बड़ी संख्या को लेकर अब यूपी सरकार गंभीर हो गई है। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी उनकी खासतौर पर जांच की जाए।

दरअसल यूपी सरकार को शक है कि प्रदेश के कुछ विद्यालयों ने बोर्ड एग्जाम के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसी को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने सभी जिलों के डीआईओएस को जांच के आदेश दिए हैं! जांच आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी है। उन विद्यालयों की जांच की जाए।

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दरअसल सरकार यह जानना चाहती है कि क्या कारण हैं, जिससे इतनी संख्या में बच्चों ने एग्जाम छोड़ा। हालांकि परीक्षा के दौरान जब छात्रों के एग्जाम छोड़ने की बात आई तो सरकार के मंत्री और यूपी बोर्ड इसे नकल के खिलाफ सख्ती से जोड़कर देख रहे थे। इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने माध्यमिक और उच्च शिक्षा की समीक्षा करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।

शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है

बोर्ड परीक्षा के सफलतम निपटने पर अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार इसी व्यवस्था को आगे भी जारी रखेगी। मूल्यांकन सीसीटीवी की नजर में होगा।नियत समय पर परिणाम घोषित होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। 9वीं और 11वीं के छात्रों का आधार पंजीकरण अनिवार्य होगा। जिन विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती, उनका चिन्हीकरण कर उनकी मान्यता रद्द की जाएगी. 30 फीसदी पाठ्यक्रम बदला जाएगा और एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू किया जाएगा।

परीक्षा केंद्रों पर नकलविहीन परीक्षा के लिए धारा 144 लागू की जाए

आने वाले समय मे उपस्थिति का प्रतिशत भी नियत किया जाएगा। इसके अलावा टॉपर्स के गांव तक सड़क, उन्हें एक टैबलेट और एक लाख रुपये का पुरस्कार राज्य सरकार देगी। टॉपर्स की कॉपियां भी डिस्प्ले की जाएगी। वहीं उच्च शिक्षा की समीक्षा करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि शुरू हो रही। परीक्षा नकलविहीन ही इसके लिए कदम उठाये जाए। परीक्षा केंद्रों पर नकलविहीन परीक्षा के लिए धारा 144 लागू की जाए, जबकि आवश्यकता पड़ने पर एसटीएफ की भी मदद ली जाए।

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