केरल : स्वास्थ्य मंत्री शैलजा को मंत्री पद से हटाने की मांग

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कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने सोमवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से नियुक्ति के मामले में पक्षपात के आरोपों का सामना कर रहीं स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा को मंत्री पद से हटाने की मांग की। केरल उच्च न्यायालय ने अपने पिछले हफ्ते के फैसले में इस बात को रेखांकित किया कि शैलजा ने बाल अधिकार संरक्षण राज्य आयोग में एक सदस्य को नियुक्त कराने के मामले में अपने पद का दुरुपयोग किया।

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कोई अभी भी अपने मंत्री पद पर है

मामले में स्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे कांग्रेस विधायक शफी पराम्बिल ने इस बात का जिक्र किया कि न्यायालय द्वारा स्पष्ट तौर पर सत्ता का दुरुपयोग की बात कहे जाने के बावजूद यह पहला मामला है जहां कोई अभी भी अपने मंत्री पद पर है।

अधिकार में डॉक्टरेट करने वालों को छोड़ दिया

पराम्बिल ने कहा, “यह एक अवलोकन नहीं है, बल्कि अंतिन निर्णय में सामने आने वाली जानकारी है।”कांग्रेस सदस्य ने कहा कि मंत्री ने आयोग में आवेदन के लिए समय सीमा बढ़ा दी थी और बाल अधिकार में डॉक्टरेट करने वालों को छोड़ दिया।

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इस्तीफे की मांग खारिज की जाती है

पराम्बिल ने कहा, “मंत्री द्वारा नियुक्त लोगों में से एक ने समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद आवेदन किया था.. फैसले में कहा गया कि है कि यह सत्ता का दुरुपयोग है, जो संयोग से गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन है।”विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए विजयन ने कहा कि मंत्री के इस्तीफे की मांग खारिज की जाती है।

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