EMI में कोई राहत नहीं, रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार…
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है. रिजर्व बैंक ने महंगाई की चिंता के बीच रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा है. वर्तमान घरेलू हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक ने ये निर्णय लिया है. बीते साल 2023 की फरवरी में रेपो रेट में पिछली बार बदलाव हुआ था. इसमें पिछले 16 महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है. खाद्य महंगाई दर रिजर्व बैंक को चिंतित कर रही है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में CPI 4.5 प्रतिशत रहा है.
रिजर्व बैंक ने ग्रोथ रेट अनुमान को वर्ष 25 के लिए 7 प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत कर दिया है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है. जबकि पहले यह 6.9% था रिजर्व बैंक ने कहा कि, महंगाई और ग्रोथ रेट को संतुलित करने की कोशिश की गई है. बता दें कि, चालू वित्त वर्ष के चारों क्वार्टर में रेपो रेट में इजाफा हुआ है. देश में एक बार फिर 10 वर्षों के बाद गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, सत्तारूढ़ बीजेपी अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. ऐसे में चुनावी परिणाम के बाद हुई रिजर्व बैंक की इस बैठक में नतीजे पर नजर रही थी.
इन देशों ने शुरू की कटौती
विशेषज्ञों का अनुमान था कि, आरबीआई मुद्रास्फीति की चिंताओं के बावजूद नीतिगत दर को नियंत्रित रखेगा. हालाँकि, बैंक ऑफ कनाडा और यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है. बुधवार को एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई है.
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विशेषज्ञों की क्या है राय?
विशेषज्ञों ने कहा कि, MPC नीतिगत दर में कमी से बच सकता है क्योंकि आर्थिक वृद्धि तेजी से हो रही है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है. अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 4.83 प्रतिशत रही थी. वही इसको लेकर जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े विनोद नायर का कहना है कि, ”उम्मीद है कि रिजर्व बैंक पुरानी स्थिति को बरकरार रखेगा. हालांकि, इसके बावजूद की CPI 4.85 प्रतिशत से 4.83 प्रतिशत पर आ गया। चिंता की बात खाद्य महंगाई दर है, जोकि 8.7 प्रतिशत पहुंच गया है.”