सिंघु बॉर्डर की हैवानियत पर निहंग आरोपी ने बयां की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी, जानें क्या कहा..

दिल्‍ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार की सुबह हाथ कटा शव मिलने के मामले में लगातार नये-नये खुलासे हो रहे हैं।

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दिल्‍ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार की सुबह हाथ कटा शव मिलने के मामले में लगातार नये-नये खुलासे हो रहे हैं। मामले में सोनीपत पुलिस ने 2 और निहंग सिखों को पकड़ा है। पुलिस दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इस जघन्य हत्याकांड में पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार निहंग नारायण सिंह ने पुलिस की पूछताछ में मर्डर की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी बताई है।

वारदात के दिन की बताई घटना:

पुलिस की पूछताछ में नारायण सिंह ने बताया की वह 15 अक्टूबर को सुबह लगभग 5।35 बजे दिल्ली पहुंचा तो उसने देखा कि कुछ लोगों के बीच तीखी बहस हो रही थी। उसने बहस का कारण पूछा तो मालूम हुआ कि सरबलोह ग्रंथ के बेअदबी का मामला है। जब निहंग नारायण सिंह को पता चला कि आरोपी लखबीर सिंह जिंदा है तो उसने अपनी तलवार खींची और उसके पैर को तीन वार से काट दिया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने शव को पुलिस बैरिकेड्स पर लटका दिया। साथ ही उसने यह भी बताया की हमले के बाद पीड़ित करीब 45 मिनट तक तड़पता रहा।

कहा, पछतावा नहीं:

पुलिस की पूछताछ में नारायण सिंह ने कहा, ‘मुझे कोई पछतावा नहीं है। क्‍योंकि लखबीर सिंह ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी की थी। मैं कानून से भाग नहीं रहा मैं खुद सरेंडर कर रहा हूं।’

सड़क पर घसीटा गया था:

लखबीर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसपर धारदार हथियार से हमला किया गया था। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मृत्यु हुई थी। उसका एक हाथ कलाई से काटा गया है और गर्दन पर चोट के साथ ही शरीर पर 35 से 40 चोटों के निशान मिले हैं।

क्या है सरबलोह ग्रंथ ?

इस हत्‍या के पीछे सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी का मामला बताया जा रहा है। सरबलोह ग्रंथ का शाब्दिक रूप से अर्थ ‘सर्वव्यापी धर्मग्रंथ’ है। निहंग इस ग्रंथ को उच्च सम्मान में रखते हैं।

 

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