झुग्गियों में ‘स्वच्छ भारत’ की जोत जला रहा यह NGO
यूनीलीवर द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे के मुताबिक देश के लगभग 70 लाख लोगों ने अभी तक साबुन का प्रयोग नहीं किया है और यही देश में बढ़ती अस्वच्छता कई बीमारियों तथा संक्रमण का कारण बन रही है। जिसके कारण हर तीस सेकेंड में पांच बच्चे डायरिया के शिकार होते हैं और उनमें से एक की मौत हो जाती है। जी हां, शायद ये सर्वे आपको चौंका दे लेकिन ये सच है। जिस देश में सफाई के लिए इतने बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं देश में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने कभी साबुन का नाम तक नहीं सुना है।
‘स्वच्छ भारत’ की पहल
इस भयावह स्थिति को देखते हुए मुंबई में एक ऐसा एनजीओ है, जो होटलों में इस्तेमाल के बाद बचे साबुन को रिसाइकिल कर नया साबुन बना कर झुग्गियों में बांटने का काम करता है। यह वही साबून है जिसे आप जरा से इस्तेमाल के बाद बचे हुए को बेकार समझ फेंक देते हैं। लेकिन इस्तेमाल के बाद बचे साबुन के टुकड़ों से फ्रेश साबुन बनाने की इस अनोखी पहल को जानकर ऐसा करना आप शायद छोड़ देंगे।
‘सुंदर’ की शुरुआत
25 साल की एक अमेरिकी महिला एरिन जैकिस ने भारत में ‘सुंदर’ नाम के एक एनजीओ की शुरुआत की। बड़े-बड़े होटलों में जो साबुन बच जाता है, यह एनजीओ उसे इकट्ठा करके रिसाइकिल करता है और उसे जरूरतमंद बच्चों में बांटता है।
दरअसल, एरिन एक बार थाईलैंड के एक गांव में कुछ बच्चों से साबुन मांगा, लेकिन उन्हें साबुन के बारे में पता ही नहीं था। इस वाकया के बाद एरिन ने इस एनजीओ के जरिए जरूरतमंद बच्चों तक साबुन पहुंचाना शुरू किया।
फ्री में बांटते हैं साबुन
अभी मुंबई के कलवा में पिछले पांच महीनों से बच्चों को यह साबुन बांटा जा रहा है। फाउंडेशन के अधिकारियों के मुताबिक बच्चों को यह साबुन फ्री में बांटा जाता है। कलवा के करीब 25 स्कूलों में हम साबुन बांट रहे हैं।
संस्था के पास 6 फुल टाइम सोप रिसाइकलर्स हैं और बीस पार्ट टाइम हेल्थ टीचर्स हैं जो समुदायों को साबुन के इस्तेमाल और हाईजीन की दूसरी जरूरतों के बारे में बताते हैं। हर महीने करीब 4,000 लोगों को इसका फायदा पहुंचता है।
बीमारियों से छुटकारा
सुंदर फाउंडेशन की कोशिशों ने साबुन को उन लोगों के हाथों में पहुंचाया है जो आर्थिक तंगी की वजह से साबुन इस्तेमाल नहीं करते थे और अनगिनत बिमारियों के शिकार होते रहते थे। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक हर साल करीब बीस लाख बच्चों की हाईजीन सम्बंधित बीमारियों के कारण मौत हो जाती है। ऐसे में सुन्दर फाउंडेशन की कोशिशें हजारों बच्चों की सेहत को बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
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