नव संवत्सर की हो रही है शुरुआत, राजा बुध तो मंत्री होंगे चंद्रमा

यह पंचांग शास्त्र की मान्यता है। चूंकि इस वर्ष नवरात्र बुधवार को शुरु हो रहा है इसलिए राजा बुध होंगे

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नव संवत्सर 2077 का प्रारंभ 25 मार्च 2020 (बुधवार) से हो रहा है। इस संवत का नाम ‘प्रमादी’ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात् वासन्तिक नवरात्रि का प्रारंभ जिस दिन से होता है उसी को वर्ष का राजा तथा मेष संक्रांति (सतुआन) के दिन जो वार होता है वही वर्ष का मंत्री मान्य होता है। New Year 2077 

यह पंचांग शास्त्र की मान्यता है। चूंकि इस वर्ष नवरात्र बुधवार को शुरु हो रहा है इसलिए राजा बुध होंगे। वहीं मंत्री पद के दायित्व निर्वहन की जिम्मेदारी चंद्रमा के कंधों पर होगी। जानकारों का कहना है कि इन दोनों के नेतृत्व में वैसे तो सामान्य स्थिति रहेगी पर कुछ बड़ी कठिनाइयों का भी सामना कर पड़ सकता है।

New Year 2077 : परिस्थितियां रहेंगी अनुकूल पर आ सकती है परेशानी

ज्योतिषविद् पं चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होने के फलस्वरूप उच्चपदस्थ प्रशासकों का अपने सहयोगियों के प्रति असंतोष एवं आक्रोश की स्थितियां उत्पन्न होंगी पर अधीनस्थ समस्त लोग प्रशासन के अनुकूल ही कार्य करते रहेंगे।

वर्ष लग्न के विचार से मंगल पराक्रम स्थान में उच्च राशिस्थ होकर देश की पद-प्रतिष्ठा उन्नति एवं आर्थिक सुधार की उत्तरोत्तर प्रगति कराएगा। वैश्विक समस्याओं का समाधान मंगल एवं बृहस्पति की युति के कारण भारत से ही निकलेगा। आर्थिक दृष्टि से भारत देश मई के मध्य से आर्थिक मंदी की परिधि से बाहर आयेगा। विश्व की आर्थिक मंदी के बावजूद भारत देश का प्रभाव बढ़ेगा।

वर्ष का पूर्वार्ध अनेकानेक प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक घटनाओं से ग्रस्त होगा किन्तु जुलाई अर्थात कर्क के सूर्य से परिस्थितियां अनुकूल एवं सकारात्मक होंगी। भारत के बढ़ते हुए प्रभाव से पड़ोसी देशों में व्याकुलता बढ़ेगी और हताश होकर कुछ देश भारत के विरुद्ध तनावपूर्ण स्थितियों का निर्माण करेंगे। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा तथा राष्ट्र-हित में बनाए गये कुछ कठोर सरकारी नियमों से जनता की परेशनियां बढ़ सकती हैं।

आर्थिक दृष्टि से मजबूत होगा भारत-

आर्थिक दृष्टि से वैश्विक स्तर पर भारत एक मजबूत राष्ट्र बनकर उभरेगा। अनेक बड़े राष्ट्र विषम परिस्थितियों में भी भारत के साथ सहयोग के लिए तत्पर होंगे। वर्ष-लग्न के विचार से ‘प्रमादी’ नाम संवत्सर का प्रवेश कर्क लग्न में हो रहा है जिसका स्वामी वर्ष का मंत्री चंद्रमा है जो स्वयं भाग्य स्थान में मित्रग्रही होने के कारण जन-जीवन को सामान्य एवं प्रसन्नचित्त बनाएगा।

वर्ष के मध्य से पर्यटन उद्योग में आशातीत सफलता मिलेगी, सीमाएं सशक्त होंगी। सीमांत प्रांतों को छोड़ शेष राष्ट्र में सर्वथा आं​तरिक शांति एवं व्यवस्था की सुदृढ़ता रहेगी। आर्द्रा प्रवेशांक के अनुसार इस वर्ष वृष्टि का सामान्य योग है अर्थात् वर्षा खंड में होगी।किंतु सूर्य-अक्षांश के अनुसार पर्वतीय एवं रेगिस्तानी क्षेत्रों में अति वृष्टि होगी। खरीफ एवं रबी फसलों की पैदावार संतोषजनक रहेगी। सोना-चांदी, फल ,खाद्य तेल, सब्ज़ी के दाम जनता के अनुकूल रहेंगे। वर्ष के अंत में देश किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकता है।

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