1975 के आपातकाल पर नई पुस्तक ‘इमरजेंसी राज की अंतर्कथा’ का अनावरण
नई दिल्ली: आज दिल्ली के काांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में भारत मे आपातकाल ( Emergency ) की 50वीं बरसी पर प्रोफेसर आनन्द कुमार ( Anand Kumar ) द्वारा आपातकाल के दौर पर लिखी गई नई किताब, ‘इमरजेंसी राज की अंतर्कथा’ का विमोचन किया गया.जो भारत के सबसे खराब समयों में से एक पर एक अभूतपूर्व प्रकाश डालती है. सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार द्वारा लिखित यह पुस्तक ‘ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 1975 में घोषित 21 महीने के राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति का सावधानीपूर्वक वर्णन करती है और इससे देश पर पड़े गहरे प्रभाव को उजागर करती है.
‘इमरजेंसी राज की अंतर्कथा’ पुस्तक 1975 के आपातकाल लगाने के पीछे के कारणों की साथ- साथ इसके बाद हुई भारी राजनितिक और सामाजिक उथल – पुथल पर गहराई से प्रकाश डालती है. पुस्तक में आपातकाल के दौर के दौरान नागरिक स्वंतन्त्रताओं के निलंबन, प्रेस पर प्रतिबंध,और हजारों राजनितिक विरोधियों को जेल में डालने को लेकर भी आनंद कुमार ने विस्तार से लिखा है. प्रोफेसर कुमार का विस्तृत शोध एवं व्यक्तिगत अनुभव इस समय की कम- ज्ञात घटनाओं पर प्रकाश भी डालता है, जिससे पाठकों को भारतीय इतिहास के इस काले अध्याय की एक विशद और बहुमुखी समझ मिलती है.
प्रोफेसर कुमार ने बताया कि- यह किताब सिर्फ आपातकाल के दौरान घटी घटनाओं के बारे में नहीं है. यह आपातकाल के पीछे के कारणों, मानवीय भावना के लचीलेपन, लोकतंत्र की लड़ाई और सबसे महत्वपूर्ण इसके भारत के परिद्र्श्य के प्रभावों के बारे में है.
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बता दें कि पुस्तक का विमोचन काांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुआ. इस दौरान एक इंटरैक्टिव सत्र हुआ जिसमें लेखक प्रोफेसर आनंद कुमार, श्री एस.आर. हीरेमठ, पत्रकार नीरजा चौधरी,श्री राज कुमार जैन ( समाजवादी समागम) श्री हरभजन सिंह सिद्धू ( राष्ट्रीय महासचिव- हिन्दू मजदूर सभा) और श्री सुरेंद्र कुमार ( सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन )आदि मौजूद रहे. इसके बाद प्रश्नोत्तरी और पुस्तक पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम हुआ.